Category: First People
Hornbill Festival 2025 Begins in Nagaland: A Celebration of Culture, Identity, and Indigenous Heritage
Kohima, December 1:Nagaland on Monday inaugurated the 26th edition of the Hornbill Festival, one of India’s largest cultural events, at the Kisama Heritage Village near Kohima. The 10-day festival, often described as the “Festival of Festivals,” brings together all major Naga tribes on a single platform to showcase their rich cultural heritage through traditional dances,…
आदिवासी गाँव की खिलाड़ी संजू देवी बनीं वर्ल्ड कप की शान
छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले के छोटे आदिवासी गाँव बेलाकछार की बेटी संजू देवी ने अपनी मेहनत, इच्छा-शक्ति और लगन के दम पर ऐसा इतिहास रचा है, जिस पर पूरा प्रदेश गर्व कर रहा है। मज़दूर पिता और गृहिणी माँ के बेहद साधारण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में जन्मी संजू के पास संसाधन भले…
Indigenous Faith Day: Meaning, Origins, Significance, and the Struggle for Cultural Survival
Across the world, indigenous peoples face rapid cultural erosion, religious suppression, and loss of traditional worldviews under the pressure of modernization, globalization, aggressive religious conversion, and state-driven assimilation. In India — home to more than 700 tribal communities — this crisis is especially visible in the North-East, Central, and Eastern regions. Against this backdrop, Indigenous…
असम कैबिनेट ने 6 समुदायों को अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जा देने की रिपोर्ट को मंज़ूरी दी: चुनावी साल में बड़ा राजनीतिक संदेश
असम सरकार ने राज्य के छह प्रमुख जातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने संबंधी हाई-लेवल कमेटी की रिपोर्ट को मंज़ूरी दे दी है। यह निर्णय विधानसभा चुनाव से पहले सरकार के महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिसका व्यापक सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव हो सकता है। सरकार ने इस…
वन कानूनों और आदिवासी आवास पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा कर रहा केंद्र: जुएल ओराम
केंद्र सरकार हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के उस अहम आदेश का विस्तृत अध्ययन कर रही है, जिसमें कहा गया है कि वन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2023 के तहत ‘वन’ की परिभाषा केवल उन क्षेत्रों पर लागू होगी जो 25 अक्टूबर 1980 या उससे पहले वन के रूप में दर्ज थे। कोर्ट ने साथ…
बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन की हार और NDA की जीत
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राज्य की राजनीति में एक बार फिर बड़ा मोड़ ला दिया। एनडीए ने 202 सीटों के अप्रत्याशित बहुमत के साथ सत्ता पर कब्जा जमाया, जबकि महागठबंधन (MGB) मात्र 35 सीटों पर सिमट गया। यह परिणाम न सिर्फ वोटिंग पैटर्न बल्कि बिहार की सामाजिक-राजनीतिक हवा में हुए बदलाव को…
बिरसा मुंडा 150वीं जयंती: सीयूजे में साहित्य, सिनेमा और संस्कृति का अनोखा संगम
केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (सीयूजे), मनातू कैंपस में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय “स्वाभिमानी बिरसा–2025” कार्यक्रम का आज औपचारिक उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत कुलसचिव श्री के. कोसल राव और नैक अध्यक्ष प्रो. के.बी. पंडा द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ की गई।दोनों विशिष्ट अधिकारियों…
पहला ‘रोज केरकेट्टा साहित्य सम्मान’ विश्वासी एक्का को
रांची : झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा की ओर से यह घोषणा की गई है कि पहला ‘रोज केरकेट्टा साहित्य सम्मान’ वर्ष 2025 के लिए विश्वासी एक्का को उनकी चर्चित कहानी संग्रह ‘कोठी भर धान’ के लिए प्रदान किया जाएगा। यह सम्मान समारोह आगामी 7 दिसंबर 2025 को रांची में आयोजित होगा। यह पुरस्कार झारखंड…
11 नवंबर 1908 : बिरसा के “उलगुलान” से जन्मा छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (CNT Act)
धरती, अधिकार और अस्तित्व की न्यायपूर्ण कहानी प्रस्तावना : जब विद्रोह ने कानून को जन्म दिया 11 नवंबर 1908—भारतीय औपनिवेशिक इतिहास की वह तारीख जब ब्रिटिश हुकूमत को आदिवासी प्रतिरोध की आग ने एक ऐसा कानून बनाने पर विवश कर दिया, जिसने आगे चलकर झारखंड की पहचान तय की।यह था छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम, 1908 (Chotanagpur…
मध्यप्रदेश में आदिवासी महिलाएँ अधिकारी के पैरों में गिरीं, जमीन पर न्याय की गुहार
श्योपुर (मध्यप्रदेश):मध्यप्रदेश के श्योपुर ज़िले के करहाल तहसील कार्यालय में दो आदिवासी महिलाएँ न्याय की गुहार लगाते हुए अधिकारी के पैरों में गिर गईं। यह घटना न केवल प्रशासनिक तंत्र की संवेदनहीनता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस तरह आदिवासी महिलाएँ अपने अधिकारों के लिए व्यवस्था के सामने बेबस नज़र…
