
Category: First People

रिपोर्टिंग पर रोक और FIR: आदिवासी महिला पत्रकार सुनीता मुंडा के समर्थन में उठी आवाजें
राँची, झारखंड – सिरमटोली स्थित सरना स्थल के सामने फ्लाईओवर निर्माण में रैंप उतारने के विरोध में जारी आंदोलन की रिपोर्टिंग कर रही आदिवासी महिला पत्रकार सुनीता मुंडा के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को लेकर झारखंड में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। पत्रकारों, कलाकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने इसे प्रेस की…

वीर बुधु भगत विश्वविद्यालय: झारखंड की अस्मिता को मिला सम्मान
झारखंड की राजधानी रांची स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम अब बदलकर “वीर शहीद बुधु भगत विश्वविद्यालय” कर दिया गया है। यह निर्णय 9 मई 2025 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया गया। राज्य सरकार के इस निर्णय को झारखंड की जनजातीय अस्मिता, इतिहास और संस्कृति के…

Trailblazer in Uniform: Lt Col Sophia Qureshi and the Rise of Women in India’s Defence Leadership
Vijay Oraon | firstpeople.in In the heart of a profession long dominated by men, Lieutenant Colonel Sophia Qureshi has carved out a place in history. As the first Indian woman to lead an Indian Army contingent in a foreign military exercise, her journey exemplifies courage, discipline, and the rising strength of women in the nation’s…

कैथोलिक या आदिवासी, दोंनो नहीं हो सकते: चम्पई सोरेन
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने हाल ही में आयोजित चंगाई महोत्सव पर कड़ा बयान देते हुए कहा कि धर्मांतरण के बाद कोई व्यक्ति खुद को ‘कैथोलिक आदिवासी’ नहीं कह सकता। उन्होंने इसे संविधान और आदिवासी पहचान दोनों के खिलाफ बताया। चंपई सोरेन ने कहा, “आज एक नया शब्द सुना – कैथोलिक आदिवासी! कोई…

शादी से पहले दूल्हे ने की आत्महत्या, गरीबी और बारात की व्यवस्था न हो पाने से टूटा दिल
तिसरी (झारखंड), एक दुखद घटना में तिसरी थाना क्षेत्र के पंदनाटांड़ गांव के 24 वर्षीय युवक विजय मरांडी ने अपनी ही शादी से ठीक पहले आत्महत्या कर ली। विजय की शादी 20 अप्रैल को लोकाय नयनपुर के खेतो गांव में तय थी, लेकिन गरीबी के कारण बारात के लिए गाड़ी और खाने-पीने का प्रबंध न…

झारखंड: पाकुड़ के 14 गांवों ने जंगल बचाने की अनोखी पहल, अब महुआ बिना आग के होगा संग्रह
पाकुड़, अप्रैल 2025 — झारखंड के पाकुड़ ज़िले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड में जंगलों को बचाने की एक अनोखी और प्रेरणादायक पहल शुरू हुई है। यहां के 14 गांवों ने मिलकर महुआ के मौसम में जंगल में परंपरागत रूप से लगाई जाने वाली आग की जगह अब वैकल्पिक, टिकाऊ और पर्यावरण-संवेदनशील तरीकों से महुआ एकत्र करना…

प्रख्यात आदिवासी लेखिका डॉ. रोज केरकेट्टा का निधन: साहित्य और समाज को अपूरणीय क्षति
झारखंड की प्रख्यात आदिवासी लेखिका, कवयित्री, सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षिका डॉ. रोज केरकेट्टा का 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से न केवल आदिवासी समाज, बल्कि हिंदी और जनजातीय साहित्य जगत को भी एक गहरी क्षति पहुंची है। वे न सिर्फ एक संवेदनशील रचनाकार थीं, बल्कि जनजातीय अस्मिता, भाषा और संस्कृति…

सरहुल पर्व: जब मछली और केकड़े बन जाते हैं पृथ्वी के जीवन की कहानी के नायक!
🌿 प्रकृति का उत्सव, विज्ञान का रहस्य, और संस्कृति का संगम झारखंड के आदिवासी समुदायों का प्रसिद्ध सरहुल पर्व सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि पृथ्वी और सूर्य के प्रेम की गाथा है। यह वह समय होता है जब सखुआ (साल) के पेड़ों पर नए फूल खिलते हैं, प्रकृति नवजीवन का संदेश देती है, और लोग…

राँची में सरहुल जुलूस का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
राँची में सरहुल जुलूस का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य परिचय सरहुल, झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदायों का प्रमुख पर्व है। यह प्रकृति और पूर्वजों की पूजा का उत्सव है, जिसे मुख्य रूप से उरांव, मुंडा और हो समुदाय बड़े उत्साह से मनाते हैं। राँची, जो झारखंड की राजधानी है, में सरहुल जुलूस…

ओडिशा में आदिवासी ईसाइयों पर घर वापसी का दबाव: फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट
ओडिशा के नबरंगपुर जिले के सिउनागुडा गांव में चार आदिवासी ईसाइयों को अपने परिजन के अंतिम संस्कार के लिए हिंदू धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया। यह खुलासा छह सदस्यीय फैक्ट-फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट में हुआ है, जिसने बालासोर में समुदाय के नेताओं और ग्रामीणों से बातचीत के बाद यह निष्कर्ष निकाला। दफनाने के…