आदिवासी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

 विश्व आदिवासी दिवस

International Day of world’s Indigenous People

संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार पूरे विश्व में आदिवासियों की 5 फीसदी आबादी है, लेकिन विश्व की गरीबी में उनकी हिस्सेदारी 15 फीसदी है। इसमें आदिवासियों की अपनी 7 हजार भाषाएं है व 5 हजार विभिन्न संस्कृतियां है। आदिवासी दिवस मनाने के लिए प्रत्येक वर्ष एक विषय (थीम) रखा जाता है, इस वर्ष का विषय है “पांरपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में आदिवासी महिलाओं की भूमिका” 

विश्व आदिवासी दिवस को झारखंड सरकार “झारखंड आदिवासी महोत्सव 2024” के रूप में मना रही है।

आदिवासी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है 

विश्व के इंडिजिनस पिपुल (आदिवासी) के मानवाधिकारों को लागू करने और उनके संरक्षण के लिए 1982 मेँ संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने एक कार्यदल UNWGIP (United Nation Working Group On Indigenous Population) के उपआयोग का गठन हुआ । जिसकी पहली बैठक 9 अगस्त 1982 को हुई थी । आदिवासी वर्ग की समस्याओ के निराकरण हेतु विश्व के देशों का ध्यानाकर्षण के लिए सबसे पहले यूएनओ ने विश्व पृथ्वी दिवस 3 जून 1992 में होने वाले सम्मेलन के 300 पन्ने के एजेण्डे में 40 विषय जो चार भागो मे बाटे गये। तीसरे भाग मे रिओ-डी-जनेरो (ब्राजील) सम्मेलन मेँ विश्व के आदिवासियों की स्थिति की समीक्षा और चर्चा कर प्रस्ताव पारित किया गया ऐसा विश्व मेँ पहली बार हुआ ।

See also  The Inuit People: A Legacy of Resilience, Culture, and Connection to the Arctic

यूएनओ ने अपने गठन के 50वें वर्ष मे यह महसूस किया कि 21 वीँ सदी में भी विश्व के विभिन्न देशों में निवासरत आदिवासी वर्ग उपेक्षा, गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा का अभाव,बेरोजगारी एवं बन्धुआ व बाल मजदूरी जैसी समस्याओ से जुझ रहा है । 1993 मेँ UNWGIP कार्यदल के 11 वेँ अधिवेशन मेँ आदिवासी अधिकार घोषणा प्रारुप (Declaration on the Rights of Indigenous People) को मान्यता मिलने पर 1993 को आदिवासी वर्ष व 9 अगस्त को आदिवासी दिवस (International day of world’s indigenous people) घोषित किया गया ।

आदिवासियों को अधिकार दिलाने और उनकी समस्याओ का निराकरण, भाषा, संस्कृति,  इतिहास के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा  9 अगस्त 1994 में जेनेवा शहर में विश्व के आदिवासी प्रतिनिधियों का विशाल एवं विश्व का प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस सम्मेलन आयोजित किया । आदिवासियो की संस्कृति, भाषा, आदिवासियों के मूलभूत हक का सभी ने एक मत से स्वीकार किया और आदिवासियों के सभी हक बरकरार है इस बात की पुष्ठी कर दी गई और विश्व राष्ट्र समूह ने ” हम आपके साथ है ” यह वचन आदिवासियोँ को दिया । विश्व राष्ट्र समूह (UNO) की जनरल असेम्बली (महासभा) ने व्यापक चर्चा के बाद Dec 21,1993 से Dec.20,2004 तक “आदिवासी दशक ” और 9 अगस्त को ” International Day of the world’s Indigenous people ” (आदिवासी दिवस) मनाने का फैसला लेकर विश्व के सभी सदस्य देशो को मनाने के निर्देश दिये ।

See also  Religious Conversions and Tribal Communities in India: Challenges, Impact, and the Role of Anti-Conversion Laws

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन