भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उप-कप्तान स्मृति मंधाना ने क्रिकेट में एक नया अध्याय जोड़ा है। उन्होंने एक कैलेंडर वर्ष में चार वनडे शतक लगाने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनकर इतिहास रच दिया।
रिकॉर्ड बनाने की ऐतिहासिक पारी
11 दिसंबर को पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में मंधाना ने इस कीर्तिमान को हासिल किया। भले ही भारतीय टीम को 83 रनों से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन मंधाना ने अपने शानदार प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया। उन्होंने अपनी पारी में 103 गेंदों में शतक पूरा किया। इससे पहले इस साल उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक लगाए थे। यह उनके करियर का 9वां वनडे शतक भी है।
महिला प्रीमियर लीग में सफलता
2024 की महिला प्रीमियर लीग के फाइनल में स्मृति मंधाना की अगुवाई में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने दिल्ली कैपिटल्स को हराकर खिताब जीता। कप्तान मंधाना ने अपनी टीम को संकट के समय संयमित रखते हुए जीत की राह दिखाई। ऑरेंज कैप विजेता एलिसे पेरी और कोच ल्यूक विलियम्स ने भी मंधाना की शांत और दृढ़ नेतृत्व शैली को टीम की सफलता का मुख्य कारण बताया।
मंधाना का क्रिकेट सफर
महाराष्ट्र के सांगली में पली-बढ़ीं मंधाना ने 9 साल की उम्र में अंडर-15 टीम में जगह बनाई और 17 की उम्र में वडोदरा में वेस्ट ज़ोन अंडर-19 टूर्नामेंट में नाबाद 224 रन बनाकर चर्चा में आईं।
2014 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू और 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय शतक मंधाना के करियर के अहम पड़ाव रहे। इसके बाद वह ICC महिला टीम का हिस्सा बनने वाली एकमात्र भारतीय खिलाड़ी बनीं।
पुरस्कार और सम्मान
2018 में बीसीसीआई ने उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर’ का पुरस्कार दिया। 2019 में CEAT इंटरनेशनल क्रिकेट अवार्ड्स में ‘इंटरनेशनल वुमन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ और ICC द्वारा ‘राचेल हेहो-फ्लिंट अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया।
सफलता का मूल मंत्र
मंधाना के शब्दों में, “खुद पर विश्वास रखना सबसे बड़ा सबक है। कठिन समय में खुद पर भरोसा बनाए रखना ही मेरी सबसे बड़ी ताकत बनी।”
स्मृति मंधाना का सफर प्रेरणा से भरा है, जो उन्हें न केवल भारतीय क्रिकेट का सितारा बनाता है, बल्कि महिला क्रिकेट के भविष्य के लिए आदर्श भी।