Headlines

‘डार्क हॉर्स’ और नजीर हेम्ब्रोम: भाषा, अनुवाद और सांस्कृतिक संवाद

‘डार्क हॉर्स’ ‘नजीर हेम्ब्रोम’ को डार्क हॉर्स का ओलचिकी लिपि का इस्तेमाल करते हुए अनुवाद के लिए, साथ ही साहित्य अकादेमी अवार्ड मिलने पर तहे दिल से बधाई.

“डार्क हॉर्स” एक अंग्रेज़ी मुहावरा है, जिसका अर्थ है अप्रत्याशित रूप से सफलता प्राप्त करने वाला व्यक्ति। हिंदी में इसे ‘छुपा रुस्तम’ भी कहा जा सकता है। इसे आप 3 इडियट्स फिल्म में आमिर खान के किरदार के अप्रत्याशित टॉप करने के संदर्भ में भी समझ सकते हैं—जिससे कोई उम्मीद नहीं कर रहा था।

‘डार्क हॉर्स’ नीलोत्पल मृणाल द्वारा लिखित उपन्यास है, जो बिहार के एक युवक की सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता की कहानी बयां करता है। यह एक पठनीय उपन्यास है, जिसे हमने भी पढ़ा है।

नजीर हेम्ब्रोम ने इस उपन्यास को ओलचिकी में अनुवाद करते हुए ‘डार्क हॉर्स’ का शाब्दिक अनुवाद “हेन्दे सादोम” किया है, जिसका हिंदी अनुवाद काला घोड़ा है। हालांकि, इसका व्यापक अर्थ ‘अप्रत्याशित विजेता’ या ‘छुपा रुस्तम’ के रूप में लिया जा सकता है।

See also  Why tribals demand exclusion from ST list to converted tribals?

भाषा केवल दो व्यक्तियों के बीच संवाद का माध्यम नहीं होती, बल्कि एक भाषा भी दूसरी भाषा से संवाद करती है। शब्दों का गूढ़ अर्थ बनाए रखते हुए सही भाव को संप्रेषित करना ही सटीक अनुवाद की कला है। संताली भाषा भी अन्य भाषाओं से संवाद करना चाहती है और अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है। इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।

दुनिया की हर चीज़ का नामकरण आपकी भाषा में नहीं हो सकता, और न ही हर चीज़ का नाम आपकी भाषा में खोजना संभव है। हमें अन्य भाषाओं के लिए अपने द्वार खोलने होंगे, और साथ ही अन्य भाषाओं को भी आपसी समन्वय और स्वीकार्यता अपनानी होगी।

उदाहरण के लिए, क्या आप बता सकते हैं कि ‘डायनासोर’ को संताली में क्या कहते हैं? या ‘हटा सावन की घटा’ को संताली में कैसे लिखा जाएगा?

‘डार्क हॉर्स’ की तरह “व्हाइट एलीफेंट” भी एक मुहावरा है—इसे संताली में अनुवाद करके देखिए।

See also  Dramatic Rescue Liberates Nine Irular Tribal Members from Bonded Labour in Tamil Nadu Chicken Farms

भाषा का विकास और प्रभुत्व तभी बढ़ेगा जब वह ज्ञान की वाहक बनेगी—जब उसमें इतिहास, भूगोल, दर्शन, विज्ञान और अर्थशास्त्र की समृद्धि होगी। हमें अपनी भाषा को ज्ञान का भंडार बनाना होगा, तभी इसका सतत विकास संभव होगा।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें अपनी भाषा के प्रति स्वामित्व और सम्मान की भावना विकसित करनी होगी। केवल सरकार पर निर्भर न रहें—धुमकुड़िया, गिति-ओड़ा और गोटुल जैसी परंपराओं को पुनर्जीवित करें और भाषा, ज्ञान-विज्ञान, तथा संस्कृति को आगे बढ़ाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन