केंद्र सरकार ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर बड़ा दांव खेला था। इस दांव के कारण आदिवासी समुदाय में भाजपा की लोकप्रियता बढ़ी और वह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर लगातार शानदार जीत दर्ज कर रही है। अपने इस ठोस वोट बैंक को और ज्यादा मजबूत करने के लिए भाजपा छत्तीसगढ़ में गोमती साय को मुख्यमंत्री बना सकती है जो रायगढ़ से सांसद हैं। भाजपा ने इस बार उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा था और उन्होंने 255 वोटों से पत्थलगांव की सीट पर जीत दर्ज की।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में महिला और आदिवासी मतदाता भाजपा के बड़े समर्थक बनकर उभरे हैें। भाजपा सहयोगी दलों के साथ समय 18 राज्यों में सत्ता में है, लेकिन उसके पास एक भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है। जबकि केंद्र सरकार ने संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों पर आरक्षण देकर अपनी महिला हितैषी छवि बनाई है। अब एक महिला मुख्यमंत्री देकर वह अपनी इस छवि को और ज्यादा मजबूत करने की कोशिश कर सकती है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, आदिवासी और महिला फैक्टर पर एक साथ फिट बैठने के कारण गोमती साय छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री के रूप में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की पहली पसंद हो सकती हैं। हालांकि, इस रेस में पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय का नाम भी चल रहा है, जो राज्य के सबसे बड़े आदिवासी समुदाय से आते हैं और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के काफी करीबी के तौर पर देखे जाते हैं।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वे मंत्रिमंडल में भी रह चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसदों के चेहरे बदलने की रणनीति में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था, लेकिन बाद में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर उन्हें संतुष्ट किया गया था। इस चुनाव में उन्हें कुनकुरी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया था, जहां से उन्होंने बड़ी जीत हासिल की। प्रशासनिक अनुभव में बेहतर और आदिवासी समुदाय के लोकप्रिय चेहरा होने के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद की रेस में माना जा रहा है।