स्वशासन व्यवस्था और पेसा कानून: वर्तमान बहस पर विचार

भारत की परंपरागत स्वशासन व्यवस्थाएं, जैसे माझी परगना, मनकी मुंडा, ढोकलो सोहोर, और पड़हा राजा, केवल आदिवासी समाज की सांस्कृतिक धरोहर ही नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक स्वायत्तता के उत्कृष्ट उदाहरण भी हैं। इन व्यवस्थाओं का इतिहास राजा-महाराजाओं और उपनिवेशवाद के दौर से लेकर वर्तमान भारतीय संविधान तक जुड़ा हुआ है। 1996 में लागू पेसा (पंचायत्स एक्सटेंशन…

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सरना स्थल सिर्फ एक पेड़ बनकर रह गए, क्या यह आदिवासियों के विनाश का संकेत है? अन्य लोगों पर इसका प्रभाव

विजय उरांव, फर्स्ट पीपल के लिए सरना स्थल और ओरण न केवल पर्यावरण संरक्षण का पारंपरिक मॉडल है, बल्कि यह आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामुदायिक पहचान का अभिन्न हिस्सा भी है। भारत के पवित्र वनों की परंपरा हजारों साल पुरानी है। ये वन क्षेत्र उन प्राकृतिक स्थलों का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां प्रकृति…

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Pushpa Jhukega nahi: अल्लू अर्जुन और रश्मिका की जोड़ी फिर से धमाल मचाने को तैयार

Pushpa 2: The Rule – ट्रेलर रिव्यू सुकुमार के निर्देशन में बनी ‘पुष्पा: द रूल’ का ट्रेलर एक बार फिर से दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देता है। यह ट्रेलर अपने दमदार संवाद, प्रभावशाली दृश्य, और अल्लू अर्जुन की जबरदस्त स्क्रीन उपस्थिति के कारण फिल्म के प्रति उत्सुकता बढ़ाता है। कहानी की झलक ट्रेलर पुष्पा…

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बिहार पिछड़ा हुआ क्यों है? वहाँ के लोग देशभर में मजदूरी के लिए पलायन क्यों करते हैं?

किसी से ऊपर वाला सवाल पूछिए, तो जवाब मिलेगा कि भई बिहार में शैक्षणिक और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है, औद्योगिक विकास नहीं हुआ है, कृषि पर निर्भरता, प्राकृतिक आपदा, राजनीतिक और प्रशासनिक समस्या, मूलभूत संरचना की कमी और ब्ला ब्ला। पूरी दुनिया में किसी से पूछिए कि बिहार की धरती क्यों जाना जाता या…

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बिरसा आंदोलन के 125 साल बाद आदिवासियों के लिए क्या बदला?

बिरसा मुंडा: कल आज और कल-1 कृति मुण्डा नाम है उसका, घर के चौथे मंजिल में लगभग बंद सी रहती है. दिन में शायद ही कभी निकलती है. सबसे खास बात है उसे निकलने नहीं दिया जाता है. अब उसे आदत सी हो गयी है कि अब उसे निकलने की जरुरत भी नहीं पड़ती है….

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झारखण्ड और पड़ोसी राज्यों में भाषा और लिपि की लड़ाई सिर्फ गलत और सही की लड़ाई नहीं है भाग-1

दरअसल ये आदिवासी-आदिवासियत और आदिवासी अस्तित्व की लड़ाई है या तो आप रोमन साम्राज्य के साथ हैं या संताल समाज के साथ. क्षणिक भर के लिए आप रोमन साम्राज्य से प्रभावित हो सकते हैं लेकिन सभ्यता की लड़ाई में आपको ओलचिकी और संताली भाषा का कम से कम — 500/ 1000 साल का भविष्य का…

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10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन