सम काइंड ऑफ़ ‘अफरमेटिव ऐक्शन’ संकुचित नहीं एक बृहत् सोच है

सम काइंड ऑफ़ ‘अफरमेटिव ऐक्शन’ लगभग सभी देशों में है जिसके तहत देश, राज्य, समाज, और गांव के समुचित विकास के लिए प्रयास किया जाता रहा है. कुछ भी नहीं तो बेरोजगारी भत्ता, बृद्धा पेंशन जैसी सुविधाएँ हैं. जिस दिन हरेक गांव, बस्ती, राज्य और देश अपना बाजार और विकास संभाल लेगा उस दिन सरकार…

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आरएसएस की जनजातीय शाखाएँ: इतिहास, रणनीति और आदिवासी प्रतिक्रिया

2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। 1925 में नागपुर से शुरू हुआ यह संगठन आज एक विशाल नेटवर्क में बदल चुका है, जिसके अनुषांगिक संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति, धर्म और समाज के लगभग हर क्षेत्र में सक्रिय हैं। अपनी शताब्दी वर्षगांठ पर संघ का प्रमुख एजेंडा…

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The Downfall of Jairam Mahto: From Jharkhandi Voice to Political Missteps

In recent years, Jharkhand witnessed the sudden rise of a new face in regional politics — Jairam Mahto. Emerging from the Jharkhandi language movement, he built his identity as a fiery speaker and uncompromising advocate for Jharkhand’s cultural and linguistic pride. For many, his speeches carried the pulse of a long-neglected sentiment. So powerful was…

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Film review: Humans In the loop

‘Humans in the Loop’ फिल्म देख आयी। झारखण्ड राँची जिले के जोन्हा के आसपास बसे गाँव की कुड़ुख आदिवासी लड़की नेह्मा पर केन्द्रित कहानी है। लड़की के बहाने कई अहम समस्याएँ उभरकर आती है : ■ढुकू विवाह(लड़का-लड़की भर की रजामंदी विवाह) के बाद अलग होने पर नेह्मा का अपना संघर्ष है। लौटकर वह गाँव से…

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हेमंत युग नहीं, झारखंडी चेतना का पुनर्जागरण है यह

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के केंद्रीय अध्यक्ष के रूप में हेमंत सोरेन की नियुक्ति को केवल सत्ता हस्तांतरण कहना राजनीतिक दृष्टिकोण की संकीर्णता होगी। यह झारखंडी जनचेतना के नेतृत्व का आधिकारिक स्वीकार है—एक ऐसा नेतृत्व जो जंगल, जमीन, और जल के अधिकार की नहीं, बल्कि आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की खोज में लगी एक जनजातीय आत्मा…

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‘डार्क हॉर्स’ और नजीर हेम्ब्रोम: भाषा, अनुवाद और सांस्कृतिक संवाद

‘डार्क हॉर्स’ ‘नजीर हेम्ब्रोम’ को डार्क हॉर्स का ओलचिकी लिपि का इस्तेमाल करते हुए अनुवाद के लिए, साथ ही साहित्य अकादेमी अवार्ड मिलने पर तहे दिल से बधाई. “डार्क हॉर्स” एक अंग्रेज़ी मुहावरा है, जिसका अर्थ है अप्रत्याशित रूप से सफलता प्राप्त करने वाला व्यक्ति। हिंदी में इसे ‘छुपा रुस्तम’ भी कहा जा सकता है।…

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1901 और 1941 की जातिगत जनगणना में लोहरा आदिवासी

झारखंड के इतिहास में ब्रिटिश शासन के दौरान और उसके बाद भी जातिगत जनगणना एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। लोहरा आदिवासी समुदाय का इतिहास अन्य प्रमुख जनजातियों—मुंडा, संथाल, उरांव, खड़िया और हो—के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। झारखंड के रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, लातेहार और खूंटी जिलों में निवास करने वाले लोहरा आदिवासियों की…

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क्यों विक्की कौशल अभिनीत ‘छावा’ रियल लगती है और यह अभिनेता सबसे अलग क्यों है?

विक्की कौशल की अभिनय क्षमता और तैयारी:विक्की कौशल उन चुनिंदा अभिनेताओं में से हैं, जो हर किरदार में पूरी तरह ढल जाते हैं। ‘छावा’ में छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका निभाने के लिए उन्होंने न केवल ऐतिहासिक संदर्भों को गहराई से समझा, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी खुद को उस युग में स्थापित…

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10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन