गया नगर निगम की डिप्टी मेयर चिंता देवी इन दिनों सड़क किनारे सब्जी बेचती नजर आ रही हैं, जिससे शहर के केदारनाथ मार्केट में अजीब स्थिति बन गई है। सड़क पर जमीन पर बैठकर सब्जी बेचती चिंता देवी को देखकर लोग हैरान हैं और उनके इस कदम के पीछे की वजह समझने की कोशिश कर रहे हैं।
चिंता देवी ने बताया कि उनके इस कदम के पीछे नगर निगम प्रशासन की अनदेखी और गंभीर समस्याएं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम अधिकारी न तो उनसे कोई संवाद करते हैं और न ही उन्हें किसी बैठक में बुलाया जाता है। शहर में चल रही योजनाओं की जानकारी भी उनसे छिपाई जाती है।
भुगतान और फंड न मिलने की समस्या
चिंता देवी ने बताया कि उन्हें कई महीनों से वेतन नहीं दिया गया है। उनके क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए भी कोई फंड जारी नहीं किया गया है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। सब्जी बेचकर थोड़ा पैसा कमा रही हूं ताकि गुजारा हो सके।”
पूर्व सफाई कर्मी से डिप्टी मेयर तक का सफर
40 वर्षों तक नगर निगम में सफाई कर्मी के रूप में सेवाएं देने वाली चिंता देवी को पिछले चुनाव में जनता ने डिप्टी मेयर पद के लिए चुना। उनकी जीत को सफाई कर्मियों और आम जनता ने बड़ी उपलब्धि माना। परंतु डिप्टी मेयर बनने के बाद उनकी समस्याएं और बढ़ गईं।
चिंता देवी ने कहा, “डिप्टी मेयर बनकर भी अगर सम्मान नहीं मिलेगा और योजनाओं की जानकारी नहीं दी जाएगी, तो इस पद का कोई मतलब नहीं है।”
जनता में चर्चा
उनकी सब्जी बेचने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग इस स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं। कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब जमीनी स्तर के नेता को ही सम्मान नहीं मिलता, तो आम जनता की समस्याएं कैसे सुनी जाएंगी?
चिंता देवी का यह कदम न केवल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाता है, बल्कि स्थानीय राजनीति और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी पर भी ध्यान खींचता है।