सरना कॉलम कोड नहीं तो आदिवासी महादलितों से भी बदतर स्थिति में पहुंचेंगे: गीताश्री उरांव

रांची। अखिल भारतीय आदिवासी परिषद की अध्यक्ष और झारखंड की पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने प्रस्तावित जनगणना में सरना धर्म के लिए अलग कॉलम कोड न होने पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आदिवासियों को उनकी मूल धार्मिक पहचान के साथ दर्ज नहीं किया गया, तो आने वाले समय में…

Read More

नक्सल ऑपरेशन में तैनात जवान विनीता उरांव बनीं पावरलिफ्टिंग में राष्ट्रीय पहचान

झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात इंडियन रिज़र्व बटालियन की जवान विनीता उरांव ने ऑल इंडिया पुलिस वेटलिफ्टिंग क्लस्टर में शानदार प्रदर्शन कर झारखंड पुलिस का गौरव बढ़ाया है। आंध्र प्रदेश के अमरावती में आयोजित इस प्रतियोगिता में उन्होंने 47 किलोग्राम महिला पावरलिफ्टिंग वर्ग में दूसरा स्थान हासिल कर सिल्वर मेडल अपने नाम किया।…

Read More

डीलिस्टिंग प्रदर्शन पर झारखंड की पूर्व शिक्षा मंत्री का बयान, निशा भगत के विरोध को बताया ‘राजनीतिक एजेंडा’

रांची: डीलिस्टिंग की मांग को लेकर रांची में हुए प्रदर्शन और सामाजिक कार्यकर्ता निशा भगत द्वारा कराए गए सिर मुंडन पर झारखंड की पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को आदिवासी समाज के हितों के विरुद्ध बताते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व शिक्षा मंत्री ने…

Read More

Samirul Islam demands Centre recognise Sari–Sarna Dharam officially now

Kolkata, 11 December 2025:All India Trinamool Congress MP Samirul Islam today renewed his demand for official recognition of the Sari and Sarna Dharam, the traditional nature-worshipping faith followed by millions of Adivasi people across India. Raising the issue publicly, Islam said that despite long-standing practice and deep cultural roots, the Central Government has yet to…

Read More

Malnutrition Alarm: One in Three Tribal Children Stunted, Shows Govt Numbers

A stark picture of malnutrition in India’s tribal regions emerged in the Lok Sabha today as government data revealed that one in every three children enrolled in Anganwadi centres is stunted, underscoring a deep nutrition crisis despite years of intervention. The finding surfaced during a discussion on infant malnutrition raised by Prof. Sougata Ray, prompting…

Read More

DONYI–POLO : इतिहास, दर्शन और आधुनिक पुनर्जागरण का पूर्ण अध्ययन

अरुणाचल प्रदेश की स्वदेशी आस्थाओं में Donyi-Polo सबसे प्रमुख, जीवंत और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण विश्वास प्रणाली है।यह एक संगठित धर्म नहीं, बल्कि प्रकृति-आधारित जीवनदर्शन, नैतिक व्यवस्था, और पुरखा-सम्मान का मार्ग है। डोनी का अर्थ—सूर्यपोलो का अर्थ—चंद्रमा सूर्य और चंद्रमा, दोनों मिलकर मानव-जीवन में प्रकाश, सत्य, संतुलन और नैतिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। डीपी (Donyi-Polo)…

Read More

हम बिखरे हुए नहीं, राष्ट्र-समुदाय हैं: हेमंत सोरेन

झारखंड की क्रांतिभूमि पर हाल ही में एक ऐतिहासिक मिलन हुआ, जब देशभर के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर अपनी आवाज, अपनी पहचान और अपने अधिकारों को फिर से दृढ़ता से उठाया। इस अवसर पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जो बातें कहीं, वे केवल एक भाषण नहीं…

Read More

निरंजन कुमार कुजुर NYU Abu Dhabi के ‘Indigenous Cinema: South Asian Perspectives’ सम्मेलन में शामिल होंगे

रांची/अबू धाबी। दक्षिण एशियाई स्वदेशी सिनेमा की आवाज़ों को वैश्विक स्तर पर एक मंच प्रदान करने वाला प्रतिष्ठित तीन दिवसीय सम्मेलन “Indigenous Cinema: South Asian Perspectives” न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी अबू धाबी (NYUAD) में 8–10 दिसंबर 2025 को आयोजित हो रहा है। इस आयोजन में भारत के युवा और प्रख्यात आदिवासी फिल्मनिर्माताओं में शामिल निरंजन कुमार कुजुर…

Read More

Albert Ekka: Remembering the Adivasi Hero Who Changed the Course of the 1971 War

Ranchi, Jharkhand:As India marks another year since the decisive 1971 Indo-Pakistan War, the nation remembers Lance Naik Albert Ekka, the Adivasi soldier from Gumla whose extraordinary bravery turned the tide in one of the conflict’s most critical battles. Awarded the Param Vir Chakra (PVC) posthumously, Ekka’s legacy continues to inspire generations across India and Bangladesh….

Read More

11 नवंबर 1908 : बिरसा के “उलगुलान” से जन्मा छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (CNT Act)

धरती, अधिकार और अस्तित्व की न्यायपूर्ण कहानी प्रस्तावना : जब विद्रोह ने कानून को जन्म दिया 11 नवंबर 1908—भारतीय औपनिवेशिक इतिहास की वह तारीख जब ब्रिटिश हुकूमत को आदिवासी प्रतिरोध की आग ने एक ऐसा कानून बनाने पर विवश कर दिया, जिसने आगे चलकर झारखंड की पहचान तय की।यह था छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम, 1908 (Chotanagpur…

Read More
10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन