Category: First People
Nagoba Jatara: A Sacred Eight-Day Pilgrimage of Devotion and Tradition
Rooted in their deep reverence for nature and ancient customs, the tribals of the erstwhile Adilabad district continue to preserve their vibrant cultural identity. The Keslapur Nagoba Jatara, a significant religious and cultural festival of the Meshram clan, exemplifies this enduring heritage. A central ritual of the festival is the arduous eight-day pilgrimage undertaken by…
“अगर घर वापसी नहीं होती, तो आदिवासी राष्ट्र-विरोधी हो जाते”: मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दावा किया है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने कार्यकाल के दौरान संघ के घर वापसी कार्यक्रम की प्रशंसा की थी। भागवत के अनुसार, मुखर्जी ने कहा था कि अगर संघ ने धर्मांतरण रोकने का प्रयास नहीं किया होता, तो आदिवासियों का एक बड़ा वर्ग राष्ट्र-विरोधी हो सकता था।…
जनजातीय मंत्रालय ने बाघ अभयारण्यों से वनवासियों की बेदखली पर मांगी रिपोर्ट
जनजातीय मंत्रालय ने राज्यों से बाघ अभयारण्यों से वनवासियों को बेदखल करने के मामलों में स्पष्टीकरण मांगा है। वन संरक्षण अधिनियम के तहत वनवासियों को अवैध बेदखली से बचाने के लिए मंत्रालय ने राज्यों को कानून का पालन सुनिश्चित करने हेतु एक संस्थागत तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने यह भी कहा…
The Inuit People: A Legacy of Resilience, Culture, and Connection to the Arctic
The Inuit people, indigenous to the Arctic regions of North America, Greenland, and parts of Siberia, have a rich cultural heritage that reflects their deep connection to the environment. Their traditions, practices, and stories have evolved over thousands of years, shaped by the challenges and opportunities of life in one of the harshest climates on…
क्या क्रीमी लेयर के SC/ST को नहीं मिलेगा आरक्षण?
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई, जिसमें यह मांग की गई कि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के आरक्षण का लाभ IAS और IPS अधिकारियों के बच्चों को नहीं मिलना चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विचार करने से इनकार कर दिया और स्पष्ट किया कि यह विषय संसद के…
गोंड आदिवासियों का कछारगढ़ तीर्थ: सांस्कृतिक पुनरुत्थान और सामूहिक पहचान का प्रतीक
महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में स्थित कछारगढ़, गोंड आदिवासियों के लिए न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह उनकी सांस्कृतिक पहचान और इतिहास का प्रतीक भी है। धानेगांव गांव की गुफाओं में देवी काली कंकाली का मंदिर स्थापित है, जो मैकल पहाड़ियों का हिस्सा हैं। गोंडी भाषा में कछारगढ़ का अर्थ है “अयस्क…
डोंबारी बुरु: भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक अनसुना अध्याय
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में कई ऐसे अध्याय हैं, जिन्हें समय की धूल ने ढक दिया है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण और कम ज्ञात अध्याय है ‘डोंबारी बुरु हत्याकांड’, जो 9 जनवरी, 1900 को झारखंड के खूंटी जिले में घटित हुआ था। यह घटना न केवल अंग्रेजी शासन के अत्याचारों का प्रमाण है, बल्कि…
The Power of Adivasi Knowledge: Solving Global Problems Together
The Adivasi (tribal) knowledge system refers to the collective wisdom, practices, and traditions developed by indigenous communities over centuries. Rooted in a deep connection to nature, these systems encompass diverse areas such as agriculture, medicine, ecology, governance, art, and spirituality. Adivasi knowledge is typically passed orally from generation to generation, fostering sustainable living and harmonious…
Jaipal Singh Munda: The Champion of Tribal Rights and India’s Hockey Hero
Jaipal Singh Munda, an iconic figure in Indian history, was a man of many talents. Born on January 3, 1903, in Takra Pahantoli village in the Khunti district of present-day Jharkhand, he excelled as a sportsman, administrator, politician, and advocate for tribal rights. Fondly remembered as “Marang Gomke” (Great Leader) by the Adivasi communities, his…
संविधान सभा में जयपाल सिंह मुंडा का ऐतिहासिक भाषण: छह हजार साल का शोषण
जयपाल सिंह मुंडा, एक असाधारण व्यक्तित्व, ने भारतीय संविधान सभा में अपने भाषण के माध्यम से आदिवासी समाज की दुर्दशा और उनके अधिकारों की अनदेखी को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। उनके शब्दों की पृष्ठभूमि: जयपाल सिंह मुंडा ने 24 जनवरी 1947 को संविधान सभा में भाषण दिया। वे आदिवासी समाज की आवाज़ बने और…