आदिवासी भाषा में हो रही पढ़ाई को लेकर पीएम मोदी ने किस गांव की तारीफ

साल 2023 के आखिरी मन की बात में पीएम मोदी ने झारखंड के आदिवासी गांव का जिक्र किया और जमकर तारीफ की. 31 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण देश भर में हुआ.

प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलते हुए समय में हमें अपनी भाषाएं बचानी भी है और इसका संवर्धन भी करना है. इसी के साथ उन्होंने कहा, “मैं आपको झारखंड के आदिवासी गांव के बारे में बताना चाहता हूं. इस गांव ने अपने बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने के लिए अनूठी पहल की. झारखंड के “मंगलो गांव” में बच्चों को कुड़ुख भाषा में शिक्षा दी जाती है. इस स्कूल का नाम है, कार्तिक उरांव आदिवासी कुड़ुख स्कूल. इस स्कूल में 300 आदिवासी बच्चे पढ़ते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि कुड़ख भाषा, उरांव आदिवासी समुदाय की मातृभाषा है. कुड़ख भाषा की अपनी लिपि भी है, जिसे ‘तोलोंग सिकि’ के नाम से जाना जाता है. ये भाषा धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रही थी. जिसे बचाने के लिए इस समुदाय ने अपनी भाषा में बच्चों को शिक्षा देने का फैसला किया है. इस स्कूल को शुरू करने वाले अरविंद उरांव कहते हैं कि गांव के बच्चों को अंग्रजी भाषा समझने में दिक्कत होती थी. इसलिए उन्होंने गांव के बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाना शुरू किया. उनके इस पहले से परिणाम अच्छे आने लगे तो, गांव के लोग भी इससे जुड़ गए. अपनी भाषा में पढ़ाई की वजह से बच्चों के सीखने की गति भी तेज हो गई. हमारे देश में कई बच्चें भाषा में मुश्किलों की वजह से आधे में ही पढ़ाई छोड़ देते थे. इन मुश्किलों से निपटने में नई शिक्षा नीति से भी मदद मिल रही है. पीएम ने कहा कि हमारा प्रयास है कि भाषा, किसी भी बच्चे की शिक्षा या प्रगति में बाधा नहीं बननी चाहिए.

See also  मध्य प्रदेश में 40 फीसद वनों के निजीकरण की योजना: कांग्रेस का भाजपा पर आरोप

कहाँ है कार्तिक उरांव आदिवासी कुड़ुख स्कूल

कार्तिक उरांव आदिवासी कुड़ुख स्कूल गुमला जिला के सिसई प्रखंड के मंगलो गांव में स्थित है. अरविंद उरांव ने इस स्कूल की स्थापना वर्ष 2008 में की थी, तब उनकी उम्र महज 20 साल थी. आज इस स्कूल को बने करीब 16 साल होने को हैं. वर्तमान में इसमें 300 बच्चे पढ़ते हैं. यहां हिंदी, अंग्रजी, गणित जैसे विषयों के साथ-साथ कुड़ुख भाषा भी पढ़ाई जाती है. यह स्कूल करीब 4000 वर्ग फुट क्षेत्रफल में फैला हुआ है. स्कूल के लिए ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से जमीन दान दी है. झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 80 किमी दूर स्थित कर्तिक उरांव आदिवासी कुड़ुख स्कूल में कक्षा एक से आठवीं तक पढ़ाई होती है. 300 बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में 8 शिक्षक हैं. एक महीने की स्कूल की फीस 300 रुपये से 400 रुपये तक होती है. कक्षा के मुताबिक फीस का अमाउंट निर्धारित है.

See also  बिहार में अनोखा मामला: ज्वॉइनिंग लेटर मिलते ही रिटायर हुईं टीचर, जानें पूरी कहानी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन