मध्यप्रदेश के गुना शहर इन दिनों एक नाम पर चर्चा कर रहा है—गोपी गोंड, जिन्हें लोग प्यार से “गुना के मिल्खा सिंह” कहने लगे हैं। उनकी दौड़ने की अद्भुत गति ने उन्हें स्थानीय हीरो बना दिया है। हालांकि उन्होंने अभी तक कोई राष्ट्रीय स्तर का पदक नहीं जीता है, लेकिन उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें युवाओं का प्रेरणास्त्रोत बना दिया है।
रनिंग और वायरल वीडियो
गोपी गोंड अपनी रनिंग प्रैक्टिस के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने सीनियर नेशनल, इंडियन ग्रां प्री और नेशनल अंडर-23 जैसे बड़े इवेंट्स में हिस्सा लिया है। उनकी एक वायरल वीडियो में वह बड़े ट्रक के टायर खींचते हुए नजर आते हैं। चाहे मौसम कैसा भी हो, गोपी अपनी प्रैक्टिस से कभी समझौता नहीं करते। उनकी सोशल मीडिया पर तगड़ी फैन फॉलोइंग है, जिसमें 31 लाख फॉलोअर्स शामिल हैं। उनके एक यूट्यूब वीडियो को 110 मिलियन व्यूज मिल चुके हैं, और उन्हें यूट्यूब का गोल्डन बटन भी मिल चुका है।
रोजाना की मेहनत और डाइट
गोपी पिछले 13 सालों से हर दिन 2 से 3 घंटे प्रैक्टिस करते हैं। उनकी दौड़ने की रफ्तार 30-40 किमी/घंटा तक पहुंच जाती है। उन्होंने बीए की पढ़ाई पूरी की है और अपनी प्रैक्टिस के लिए एडिडास एडी जीरो शूज का इस्तेमाल करते हैं। डाइट में वह कॉर्नफ्लेक्स, ओट्स, ड्राई फ्रूट्स और देसी खाना पसंद करते हैं।
प्रेरणा और संदेश
गोपी गोंड का मानना है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। उनका कहना है, “सिर्फ मेहनत करो, फल की चिंता मत करो। मंजिल तक पहुंचने के लिए लक्ष्य तय करना जरूरी है।” उनकी यह सोच न केवल युवाओं को प्रेरित करती है, बल्कि उन्हें एक सच्चा रोल मॉडल बनाती है।
गुना का यह “मिल्खा सिंह” अपनी मेहनत और जुनून से न केवल शहर बल्कि पूरे देश का गौरव बढ़ाने की राह पर है।