चहुंओर दीपावली की खुशियां हैं, लेकिन राजगढ़ ब्लॉक के दर्जन भर गांव में प्रकाश पर्व दीपावली पर अंधेरा छाया हुआ है। दरअसल, 11वीं शताब्दी में दीपावली के दिन ही मोहम्मद गौरी के सैनिकों ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान की हत्या कर दी थी। इसी से दुखी होकर चौहान समाज के लोग अपने पूर्वज के सम्मान में त्योहार नहीं मनाते।
राजगढ़ ब्लॉक के अटारी, विशुनपुर, लालपुर, नुनौटी, तरंगा, धुरकर, सक्तेशगढ़ आदि गांव में आजादी के बाद 1950 से बिहार के भोजपुर आरा सासाराम रोहतास आदि कई जिले से चौहान समाज के लोग आकर बस गए। इन गांवों में रहने वाले चौहान समाज की लगभग 10 हजार की आबादी सदियों पुरानी परंपरा निभाती चली आ रही है। पीढ़ी दर पीढ़ी परंपरा का निर्वह्न आज भी चौहान समाज बखूबी कर रहा है।
चौहान समाज के लोग खुद को अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान का वंशज बताते हैं। उनका मानना है कि दीपावली के दिन ही मोहम्मद गौरी ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान की हत्या की थी। चौहान समाज के राजगृही सिंह चौहान, रामधनी सिंह चौहान, शरद सिंह चौहान, संत कुमार चौहान, पूर्व प्रधान महेश सिंह चौहान, ग्राम प्रधान रिंकी चौहान आदि ने बताया कि ऐसा नहीं है कि दीपावली मनाने पर कोई रोक है, लेकिन हमारे पूर्वज सम्राट पृथ्वीराज चौहान के सम्मान में हम लोग दीपावली के बजाय एकादशी (देव दीपावली) के दिन दीपावली मनाते हैं और उस दिन घरों को रोशन करते हैं। हम लोग उनके ही खानदान के अग्निवंशी चौहान हैं।