असम सरकार और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें असम समझौते के खंड 6 को लागू करने पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में बिप्लब शर्मा आयोग की 38 सिफारिशों पर विचार किया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य असम के मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा और उनकी सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करना था।
भूमि अधिकार: नए राजस्व मंडलों की स्थापना
असम सरकार ने भूमि सुरक्षा को लेकर एक अहम निर्णय लिया है। अब आदिवासी बेल्ट और ब्लॉकों की तर्ज पर नए राजस्व मंडल (Revenue Circles) बनाए जाएंगे। इस फैसले का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि राज्य की भूमि केवल असम के मूल निवासियों के स्वामित्व में रहे, जिससे उनकी संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण किया जा सके।
AASU के प्रमुख सलाहकार समुज्जल कुमार भट्टाचार्य ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा,
“अब तक केवल आदिवासी बेल्ट और ब्लॉकों की भूमि सुरक्षित थी, लेकिन अन्य क्षेत्रों की स्थिति स्पष्ट नहीं थी। बिप्लब शर्मा कमेटी की सिफारिशों के आधार पर राजस्व मंडल बनाना असम के मूल निवासियों के भूमि अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।”
असमिया भाषा अनिवार्य, इतिहास शिक्षा पर भी जोर
बैठक में असमिया भाषा को लेकर भी महत्वपूर्ण फैसले लिए गए:
- ब्रह्मपुत्र घाटी में सभी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में असमिया भाषा को अनिवार्य किया जाएगा।
- बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (BTC) के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में असमिया और बोडो, दोनों भाषाएं अनिवार्य होंगी।
- वर्ष 2026 के शैक्षणिक सत्र से 8वीं कक्षा तक असम का इतिहास अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।
- 14 अप्रैल 2025 से असम सरकार की सभी आधिकारिक सूचनाएं अंग्रेजी और असमिया दोनों भाषाओं में जारी की जाएंगी।
- असमिया भाषा नीति को लागू करने के लिए राज्य भाषा निदेशालय (Directorate of State Languages) की स्थापना होगी।
असमिया संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा
असम सरकार ने असमिया संस्कृति और साहित्य के संरक्षण के लिए भी कई घोषणाएं कीं:
- तेज़पुर विश्वविद्यालय और असम विश्वविद्यालय (सिलचर) में असमिया विभागों का विस्तार किया जाएगा।
- असमिया साहित्य और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए तेज़पुर विश्वविद्यालय में ‘पद्मनाथ गोहैनबरुआ चेयर’ और असम विश्वविद्यालय (सिलचर) में ‘लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ चेयर’ की स्थापना की जाएगी।
- पारंपरिक धार्मिक संस्थानों सत्र और नामघर को कानूनी सुरक्षा दी जाएगी, और इनकी देखरेख के लिए पांच सदस्यीय राज्य बोर्ड गठित करने की योजना बनाई गई है।
संस्कृति संरक्षण के लिए 100 करोड़ रुपये की सहायता
राज्य सरकार ने असम की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के लिए शंकरदेव कला क्षेत्र (Sankardev Kalakshetra) को 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
इसके अलावा, सरकारी फिल्म संग्रहालय ‘ज्योति चित्रबन’ के कर्मचारियों को अब राज्य सरकार के वेतन ढांचे में शामिल किया जाएगा।
प्रशासनिक सुधार और रोजगार के अवसर
असम सरकार ने भूमि से जुड़े प्रशासनिक कार्यों को और प्रभावी बनाने के लिए 2,000 नई सरकारी नौकरियों के सृजन का निर्णय लिया है। इससे नई भूमि नीति को प्रभावी रूप से लागू करने में सहायता मिलेगी।
AASU की प्रतिक्रिया
AASU नेता उत्पल शर्मा ने बताया कि इस बैठक में कुल 52 सिफारिशों में से 38 पर चर्चा हुई और सरकार ने इन्हें लागू करने की दिशा में कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
AASU के वरिष्ठ नेता समुज्जल कुमार भट्टाचार्य ने कहा,
“असम की भूमि पर असम के मूल निवासियों का ही अधिकार होना चाहिए। उनके संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
असम सरकार और AASU के बीच यह बैठक असम के मूल निवासियों के अधिकारों, भाषा, संस्कृति और भूमि संरक्षण के लिहाज से एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकती है। यदि इन फैसलों को समयबद्ध तरीके से लागू किया गया तो यह असम की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।