तवांग फेस्टिवल: अरुणाचल प्रदेश में यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है

अरुणाचल प्रदेश का पर्यटन विभाग पर्यटकों के आकर्षण और पारंपरिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए इस त्योहार को मनाता है। अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध विविध परंपराओं और संस्कृतियों के बारे में जानने के लिए तवांग एक अद्भुत त्योहार है। महोत्सव का नाम तवांग अरुणाचल प्रदेश के एक हिल स्टेशन तवांग के नाम पर रखा…

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जो सरना धर्म कोड देगा, उसी को वोट देंगे आदिवासी: सालखन मुर्मू

सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान 8 नवम्बर को झारखंड के रांची स्थित मोरहाबादी मैदान में जनसभा आयोजित की. जिसमें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में आदिवासी शामिल हुए. जनसभा के द्वारा देश के 15 कराेड़ आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड की…

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हागिया सोफिया: चर्च था, फिर म्यूज़ियम बना और अब ओटोमन मस्जिद है

वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति हागिया सोफिया के परिवर्तन ने इतिहास के उतार-चढ़ाव को ही प्रतिबिंबित किया है। यह लेख हागिया सोफिया की सम्मोहक यात्रा पर प्रकाश डालता है, जो कभी एक ईसाई कैथेड्रल(चर्च) था, क्योंकि यह एक मस्जिद, एक संग्रहालय और फिर से एक मस्जिद में विकसित हुई, जिसमें लगभग पंद्रह शताब्दियों का समृद्ध इतिहास…

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दूसरो की मदद करने वालों की भगवान मदद करता है

एक गांव में लकड़हारा रहता था, जो जंगल से लकड़ियां काटता और बाजार में बेचता था. उससे उसे जो पैसे मिलते हैं उसका गुजारा हो जाता. उसका जीवन बहुत परेशानियों से घिरा था. वह हमेशा परेशान रहता था. एक दिन लकड़हारा गांव के विद्वान संत के पास पहुंचा. उसने संत को अपनी सारी परेशानी बताई….

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Thalaikkooththal: यहाँ परम्परा के नाम पर बूढ़े मां-बाप को दी जाती है मौत

भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है, क्योंकि यहां कुछ-कुछ दूरी पर रीति-रिवाज, मान्यताएं, परंपराएं आदि बदल जाती हैं. आपको कई ऐसी परंपराएं मिल जाएंगी, जो चौंकाने वाली होती हैं. पर तमिलनाडु की परंपरा सबसे ज्यादा चौंकाने वाली है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां औलाद ही अपने बीमार, बूढ़े माता-पिता को मौत के…

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All Souls Day 2023: इसलिए कहा जाता है इसे आत्माओं का दिवस

हर साल दूसरे नवंबर को ईसाई धर्म के अनुयायी द्वारा ऑल सोल्स डे (All Souls Day) के रूप में मनाया जाता है, पौराणिक मान्‍यताओ के अनुसार इस दिन ईसाई समुदाय के लोग अपने-अपने पूर्वजो की कब्रिस्‍तानो पर पुष्‍प, माला, मोमबत्ती आदि जलाकर उन्‍हे श्रद्धांजली अर्पित करते है.तथा सभी पूर्वजो की आत्‍मा की शांति के लिए…

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मौत के बाद मनुष्य के साथ पाँच वस्तुएँ साथ जाती है

मृ त्यु के पश्चात मनुष्य के साथ मनुष्य की पाँच वस्तुएँ साथ जाती हैं… इन्ही पांचों वस्तुओं से ही मनुष्य को इस मृ त्युलोक को छोड़ कर परलोक जाने पर..उस लोक अथवा अगले जन्म की प्रक्रिया का चयन किया जाता है.

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देश के इन तीन पेड़ो को सरकारी साजिश के तहत बंद कराया गया

पिछले 70 सालों में पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना साजिश के तहत बन्द किया गया है… ये तीनो पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं.. और पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजार्बर है, बरगद 80% और नीम 75% अब सरकार ने इन पेड़ों से दूरी बना ली तथा इसके…

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पारम्परिक “गोमहा पूनी (परब)” के पीछे का दर्शन

गणेश माँझी गोम्हा पूनी यानि सावन के महीने का आखिरी और पूर्णिमा का दिन. गोमहा पूनी तक रोपा-रोपने के बाद फसल खेतों में लगभग बढ़ने वाले स्थिति में होते हैं, हालाँकि अब धीरे-धीरे ये प्रक्रिया धीमी हो चुकी है, शायद जलवायु परिवर्तन, समय से बारिश का न होना एक वजह हो सकता है. बचपन से…

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शाश्वत नियम

अन्धेरी रात में एक व्यक्ति नदी में कूद कर आत्महत्या करने का विचार कर रहा था। वर्षा के दिन थे और नदी पूरे उफान पर थी। आकाश में बादल घिरे थे और रह-रहकर बिजली चमक रही थी। वह उस देश का बड़ा धनी व्यक्ति था लेकिन अचानक हुए घाटे से उसकी सारी सम्पत्ति चली गई।…

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10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन