
गोत्र: परंपरा, विज्ञान और विवाह
गोत्र संस्कृत शब्द है, जिसका मूल अर्थ “गौ” (गाय) और “त्र” (रक्षा करने वाला) से लिया गया है, अर्थात् “गोत्र” का शाब्दिक अर्थ “गायों की रक्षा करने वाला” है। परंतु सामाजिक संदर्भ में, गोत्र किसी विशिष्ट ऋषि या पूर्वज से उत्पन्न एक पितृवंशीय समूह को दर्शाता है। प्राचीन वैदिक काल में गोत्र प्रणाली की शुरुआत…