उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में धर्मांतरण के मामलों में तेजी देखी जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ईसाई मिशनरियां मुस्लिम समुदाय के लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए आर्थिक प्रलोभन दे रही हैं।
धर्मांतरण के लिए आर्थिक लालच?
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कोई मुस्लिम परिवार ईसाई धर्म अपनाता है, तो उसे 20,000 रुपये तक की सहायता दी जाती है। वहीं, यदि कोई मुस्लिम महिला धर्म परिवर्तन कर शादी करती है, तो उसे अतिरिक्त 15,000 रुपये दिए जाने की बात कही जा रही है।
धर्म परिवर्तन के बाद जीवनशैली में बदलाव
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट बताती है कि जिन परिवारों ने ईसाई धर्म स्वीकार किया है, वे अब जुमे की नमाज नहीं पढ़ रहे हैं, उनके बच्चे मदरसों के बजाय कान्वेंट स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं, और महिलाएं मिशनरी संस्थाओं से जुड़कर रोजगार प्राप्त कर रही हैं।
संवेदनशील जिलों में बढ़ती निगरानी
नेपाल सीमा से सटे जिलों—श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर और गोंडा—में धर्मांतरण के मामलों में वृद्धि देखी गई है। आईजी अमित पाठक ने संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों को इस पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
धर्मांतरण के शुरुआती मामले और हालिया घटनाएं
आईबी के पूर्व अधिकारी सतीश सिंह के अनुसार, उत्तर प्रदेश में मुस्लिम परिवारों का ईसाई धर्म में परिवर्तन सबसे पहले 2020 में पीलीभीत जिले में देखा गया था। इसके बाद गोरखपुर मंडल के महाराजगंज और बस्ती मंडल के सिद्धार्थनगर में भी ऐसे मामले सामने आए। हाल ही में, फरवरी 2025 में, सीतापुर के हरगांव और सिधौली में 6 मुस्लिम परिवारों ने ईसाई धर्म अपनाया। इसी तरह, अंबेडकरनगर और सुल्तानपुर में भी 10 परिवारों के धर्मांतरण की खबरें आई हैं।
सरकारी कार्रवाई और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। हाल ही में श्रावस्ती में एक प्रार्थना सभा के दौरान मिशनरी एजेंट फरार हो गया, जिसके बाद जांच तेज कर दी गई। सरकार ने धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाए हैं, लेकिन मिशनरियों पर गरीब और अशिक्षित लोगों को प्रभावित करने के आरोप लग रहे हैं।
धर्मांतरण नेटवर्क और फंडिंग का दावा
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, धर्मांतरण गतिविधियों में संलिप्त मिशनरी संगठन हवाला और चर्चों से फंडिंग प्राप्त कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में धर्मांतरण के लिए टीमों का गठन किया गया है, जिनकी संख्या निम्नानुसार बताई गई है:
- प्रयागराज: 443 टीमें
- महराजगंज: 398 टीमें
- बहराइच: 378 टीमें
- श्रावस्ती: 320 टीमें
- बलरामपुर: 330 टीमें
- अयोध्या: 333 टीमें
धर्मांतरण को लेकर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं और इस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।