मणिपुर हिंसा: मोरेह में हेलीपैड का निरीक्षण करने गए SDPO की हत्या

मणिपुर में जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. आए दिन मणिपुर से किसी ना किसी के मौत की और घायल होने की खबर आती रहती है.अब तेंगनौपाल जिले के मोरेह में संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा एक पुलिस अधिकारी (SDPO) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मणिपुर पुलिस ने इसकी जानकारी दी है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोरेह के एसडीपीओ चिंगथम आनंद उस समय गोली लगने से घायल हो गए जब उग्रवादियों के एक समूह ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. पुलिस अधिकारी कुकी समुदाय के प्रभुत्व वाले सीमावर्ती शहर में नवनिर्मित हेलीपैड का निरीक्षण कर रहे थे.

अधिकारी ने कहा कि एसडीपीओ को गोली लगने के बाद मोरेह के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. उन्होंने बताया कि उग्रवादियों को पकड़ने के लिए इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया गया है.

यह घटना कई नागरिक समाज संगठनों, विशेषकर मोरेह स्थित संगठनों द्वारा सीमावर्ती शहर से राज्य बलों को हटाने की मांग के कुछ हफ्ते बाद हुई है.

See also  आदिवासियों की जमीन लूट में राज्य सरकार का मौन समर्थन : अलेस्टेयर बोदरा

इसके अलावा मणिपुर पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में मैतेई समुदाय के लोगों द्वारा छोड़े हुए घरों से फर्नीचर और अन्य सामान चुराने और अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में 10 से अधिक म्यांमार के नागरिकों को गिरफ्तार किया है.

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मई में राज्य में हिंसा भड़कने के दौरान जलाए गए घरों से फर्नीचर और बिजली के सामान चुराने के आरोप में 21 अक्टूबर को गिरफ्तार हुए 3 म्यांमार के नागरिकों की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह तब हुआ जब कुछ विशेष संगठन मोरेह शहर में राज्य पुलिस और कमांडो की तैनाती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 180 से अधिक लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था.

See also  कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठ की सूचना देने वाले चरवाहा ताशी नामग्याल का निधन

मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं उनकी आबादी 40 प्रतिशत हैं और वो ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

इंटरनेट पर फिर बढ़ाया बैन

असामाजिक तत्वों द्वारा हानिकारक संदेशों, फोटो और वीडियो के प्रसार को रोकने के लिए मणिपुर सरकार ने मंगलवार को मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध को पांच नवंबर तक बढ़ा दिया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन