दूसरो की मदद करने वालों की भगवान मदद करता है

एक गांव में लकड़हारा रहता था, जो जंगल से लकड़ियां काटता और बाजार में बेचता था. उससे उसे जो पैसे मिलते हैं उसका गुजारा हो जाता. उसका जीवन बहुत परेशानियों से घिरा था. वह हमेशा परेशान रहता था.

एक दिन लकड़हारा गांव के विद्वान संत के पास पहुंचा. उसने संत को अपनी सारी परेशानी बताई. उसने संत से कहा- भगवान से पूछिए कि मेरे जीवन में इतनी परेशानियां क्यों है.

संत ने कहा- ठीक है मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा. कुछ दिन बाद लकड़हारा फिर से संत के पास पहुंचा. संत ने उस लकड़हारे से कहा- तुम्हारी किस्मत सिर्फ पांच बोरी अनाज ही है, इसीलिए भगवान तुम्हें थोड़ा-थोड़ा अन्न दे रहे हैं, ताकि तुम्हें जीवन भर खाना मिलता रहे. लकड़हारा संत की बात सुनकर घर लौट आया. फिर कुछ दिन बाद वह संत के पास पहुंचा और उसने कहा- गुरु जी आप भगवान से कहिए मुझे मेरी किस्मत का सारा अनाज एक साथ दे दे. मैं कम से कम 1 दिन भर पेट भोजन करना चाहता हूं.

See also  Life in Arabia Before the Advent of Islam

संत ने कहा- ठीक है मैं तुम्हारे लिए प्रार्थना करूंगा. अगले दिन लकड़हारे के पास 5 बोरी अनाज पहुंच गया. उसने सोचा कि संत ने मेरे लिए प्रार्थना की, इसीलिए भगवान ने मुझे अनाज दिया. लकड़हारे ने उस दिन अपने लिए बहुत सारा खाना बनाया और गरीब लोगों को भी खिलाया, जिससे उसे दुआएं मिली. फिर अगले दिन संत के घर 5 बोरी अनाज पहुंच गया. उसने फिर से ऐसा ही किया. खुद खाया और दूसरों को भी खिलाया. ऐसा ही चलता रहा.

कुछ दिन बाद लकड़हारे फिर संत के पास पहुंचा और उन्हें सब कुछ बताया. संत ने फिर लकड़हारे से उससे कहा- भाई तुमने अपनी किस्मत का अनाज दूसरों को खिलाया इसीलिए भगवान तुम से प्रसन्न हुए. तुम जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हो, इसीलिए भगवान तुम्हें जरूरतमंद लोगों की किस्मत का अनाज भी दे रहे हैं. संत की बात व्यक्ति समझ गया और उसने गरीब लोगों की मदद करना जारी रखा.

See also  चमत्कार' नहीं, आदिवासी जीवन की 'सहजीविता' है

कहानी की सीख

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जो लोग लोग दूसरों के दुख दूर करने की सोचते हैं, भगवान उनकी मदद करते हैं. इसीलिए दान करते रहना चाहिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन