सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सहित गल्फ देशों ने पाकिस्तानी नागरिकों पर वीज़ा प्रतिबंध लगाए हैं। यह कदम वीज़ा के दुरुपयोग और अवैध गतिविधियों, खासतौर पर भिक्षावृत्ति, के बढ़ते मामलों के चलते उठाया गया है। इस मुद्दे ने कूटनीतिक और सामाजिक चिंताओं को जन्म दिया है, क्योंकि गल्फ अधिकारी इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं।
वीज़ा के दुरुपयोग पर नजर
सऊदी अरब ने बताया कि उमराह जैसे धार्मिक वीज़ा पर आए कुछ लोग भिक्षावृत्ति में लिप्त हो रहे हैं। सऊदी हज मंत्रालय ने हाल ही में पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय से इस प्रवृत्ति को रोकने की अपील की। रिपोर्टों के अनुसार, उमराह वीज़ा का दुरुपयोग लगातार हो रहा है, जिससे सऊदी अधिकारियों ने पाकिस्तान से कठोर जांच प्रक्रिया लागू करने की मांग की है।
जवाब में, पाकिस्तान “उमराह अधिनियम” को लागू करने की योजना बना रहा है, ताकि ट्रैवल एजेंसियों को विनियमित किया जा सके और धार्मिक वीज़ा के दुरुपयोग को रोका जा सके। धार्मिक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस मुद्दे को हल करने के लिए सऊदी अधिकारियों के साथ सहयोग किया जा रहा है।
UAE में बढ़ी सख्ती
UAE में भी इसी तरह की चिंताएं सामने आई हैं, जहां पाकिस्तानी आवेदकों के वीज़ा अनुमोदन प्रक्रिया को सख्त कर दिया गया है। पाकिस्तान के हवाई अड्डों से मिली रिपोर्टों के अनुसार, खासकर जो लोग वित्तीय स्थिरता के प्रमाण देने में असमर्थ हैं, उन्हें वीज़ा देने से इनकार किया जा रहा है।
पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आव्रजन कर्मचारियों के अनुसार, बड़ी संख्या में यात्रियों को संदेह के आधार पर गल्फ देशों के लिए उड़ानों से उतार दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि विदेशों में भिक्षावृत्ति के आरोप में हिरासत में लिए गए 90% लोग पाकिस्तानी मूल के हैं।
हाल ही में कराची एयरपोर्ट पर गिरफ्तारी
सऊदी अरब में भीख मांगने जा रही तीन पाकिस्तानी महिलाओं को हाल ही में कराची एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान इन महिलाओं ने स्वीकार किया कि वे सऊदी अरब में उमराह वीज़ा पर यात्रा करने के बहाने भिक्षावृत्ति करने जा रही थीं। अधिकारियों ने उन्हें फ्लाइट से उतार दिया और आगे की जांच शुरू कर दी है।
हालिया गिरफ्तारियां और कदम
इसके अलावा, पाकिस्तानी अधिकारियों ने मुल्तान हवाई अड्डे पर 16 लोगों को गिरफ्तार किया, जो भिक्षावृत्ति करने के उद्देश्य से उमराह वीज़ा पर सऊदी अरब जा रहे थे। पाकिस्तान ने अब 4,000 से अधिक लोगों को “नो फ्लाई लिस्ट” में डाला है, ताकि उन्हें भिक्षावृत्ति के लिए विदेश जाने से रोका जा सके।
कूटनीतिक प्रतिक्रियाएं और उपाय
इन घटनाओं ने गल्फ देशों और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक चर्चाओं को प्रेरित किया है। सऊदी अधिकारियों ने हाल ही में बयान दिया कि वीज़ा दुरुपयोग को रोकने के लिए पाकिस्तान की ओर से बेहतर नियमों की आवश्यकता है। UAE ने भी पाकिस्तान से पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए मजबूत सत्यापन तंत्र लागू करने का आग्रह किया है।
पाकिस्तानी सरकार ने इस समस्या को हल करने का वादा किया है और उन ट्रैवल एजेंसियों को लक्षित करने के लिए व्यापक नियम पेश करने की योजना बनाई है जो इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा देती हैं।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
गल्फ देशों में पाकिस्तानी नागरिकों की भिक्षावृत्ति की प्रवृत्ति ने आलोचना को जन्म दिया है, क्योंकि इससे देश की छवि खराब हो रही है। अर्थशास्त्रियों और सामाजिक विश्लेषकों ने इस व्यवहार को पाकिस्तान में बिगड़ती आर्थिक स्थिति से जोड़ा है, जिसने कई नागरिकों को जीवित रहने के लिए मजबूर कर दिया है।
गल्फ देशों द्वारा वीज़ा प्रतिबंधों को सख्त करने के साथ, पाकिस्तानी अधिकारियों पर अवैध गतिविधियों को रोकने और अपने नागरिकों की यात्रा मंशा पर विश्वास बहाल करने का दबाव बढ़ रहा है। यह स्थिति इन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए पाकिस्तान और गल्फ देशों के बीच सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित करती है।