समोसा भारत का एक ऐसा लोकप्रिय नाश्ता है, जिसे हर वर्ग और हर आयु के लोग पसंद करते हैं। इसकी परतदार और कुरकुरी बाहरी परत के साथ मसालेदार भरावन इसे बेहद खास बनाता है। हालांकि, समोसे को भारतीय व्यंजन माना जाता है, लेकिन इसका इतिहास भारत से बाहर, मध्य एशिया और फारस में शुरू हुआ। समय के साथ, यह व्यंजन भारतीय स्वाद और संस्कृति में इतना रच-बस गया कि आज यह देश के हर कोने में विभिन्न प्रकार और स्वादों में पाया जाता है। आइए जानते हैं समोसे की उत्पत्ति, भारत में इसकी प्रसिद्ध किस्में और इसके वैश्विक प्रसार की कहानी।
समोसे की उत्पत्ति मध्य एशिया और ईरान से हुई मानी जाती है। इसे भारत में 13वीं से 16वीं शताब्दी के दौरान दिल्ली सल्तनत के समय व्यापारियों और यात्रियों द्वारा लाया गया। मूल रूप से इसे फारसी और अरबी में “सम्सा” कहा जाता था और इसमें मांस भरा होता था। समय के साथ, भारतीय स्वाद के अनुसार इसमें बदलाव हुए और इसका शाकाहारी रूप आज भारत में बेहद प्रसिद्ध हो गया।
भारत में प्रसिद्ध समोसे के प्रकार
भारत के विविध व्यंजनों में समोसे के कई क्षेत्रीय रूप विकसित हुए हैं। हर प्रकार की अपनी खासियत और स्वाद है। यहां कुछ प्रसिद्ध प्रकार दिए गए हैं:
- पंजाबी समोसा
भरावन: मसालेदार आलू, मटर, हरी मिर्च, और धनिया।
खासियत: बड़ा आकार और परतदार, कुरकुरा बाहरी आवरण। इसे अक्सर इमली की चटनी और हरी चटनी के साथ परोसा जाता है।
प्रसार: मुख्यतः पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में लोकप्रिय।
- आलू समोसा
भरावन: साधारण मसालेदार आलू।
खासियत: सबसे आम प्रकार, जो सड़क किनारे की दुकानों, चाय की टपरियों और कैंटीन में आसानी से मिलता है।
प्रसार: पूरे भारत में।
- कीमा समोसा
भरावन: मसालेदार कीमा (भेड़ या चिकन का)।
खासियत: मांसाहारी लोगों में लोकप्रिय, खासतौर पर रमजान के समय।
प्रसार: हैदराबाद, लखनऊ और कोलकाता जैसे मुगलई प्रभाव वाले क्षेत्रों में।
- बंगाली सिंघारा
भरावन: आलू, मूंगफली, फूलगोभी, और बंगाली मसाले।
खासियत: पंजाबी समोसे से आकार में छोटा और अधिक कुरकुरा।
प्रसार: पश्चिम बंगाल और आस-पास के क्षेत्रों में।
- प्याज समोसा (इरानी समोसा)
भरावन: मसालेदार प्याज और कभी-कभी पोहा।
खासियत: छोटे और कुरकुरे, हैदराबाद की इरानी चाय के साथ पसंद किए जाते हैं।
प्रसार: हैदराबाद और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में।
- गोअन समोसा (चामुका)
भरावन: मसालेदार मांस या मछली।
खासियत: पुर्तगाली प्रभाव को दर्शाता है।
प्रसार: गोवा और तटीय क्षेत्रों में।
- मीठा समोसा
भरावन: खोया, मेवा, और चीनी।
खासियत: त्योहारों में मिठाई के रूप में परोसा जाता है।
प्रसार: राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में।
- दक्षिण भारतीय समोसा
भरावन: मसालेदार दाल, करी पत्ते और कभी-कभी नारियल।
खासियत: पतले आवरण के साथ दक्षिण भारतीय स्वाद।
प्रसार: तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में।
समोसे का प्रसार
समोसे ने अपने फारसी उद्गम से भारत और फिर वैश्विक स्तर तक एक लंबी यात्रा तय की है। भारत में, यह स्थानीय स्वाद और सामग्री के अनुसार ढलकर एक लोकप्रिय स्ट्रीट फूड बन गया। आज, समोसा ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भी खाया जाता है, जहां भारतीय समुदाय रहते हैं। इन जगहों पर पनीर और चॉकलेट जैसे फ्यूज़न समोसे भी बनते हैं।
निष्कर्ष
समोसे का विकास, एक मध्य एशियाई व्यंजन से लेकर एक प्रिय भारतीय स्नैक तक, इसकी बहुमुखी प्रतिभा और सार्वभौमिक लोकप्रियता को दर्शाता है। चाहे नमकीन हो या मीठा, समोसा भारतीय व्यंजनों की समृद्ध विविधता का प्रतीक है और हर पीढ़ी को लुभाता रहा है।