Delisting: What is the connection between the stance of Indira, Modi, RSS, Christian missionaries and the demand for delisting?

The issue of conversion has been such that the leaders of Hindu and Christian communities kept speaking on it, but no organized voice ever came out against it from within the tribal society. Whenever attempts were made, they were foiled politically. However, once again the demand has started rising from some tribal dominated states of…

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छत्तीसगढ़ की नई मुख्यमंत्री हो सकती हैं यह आदिवासी महिला विधायक, इनका नाम सबसे आगे

केंद्र सरकार ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर बड़ा दांव खेला था। इस दांव के कारण आदिवासी समुदाय में भाजपा की लोकप्रियता बढ़ी और वह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर लगातार शानदार जीत दर्ज कर रही है। अपने इस ठोस वोट बैंक को और ज्यादा मजबूत करने के लिए भाजपा छत्तीसगढ़ में गोमती…

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टंट्या भील: गुलाम भारत के आदिवासी रॉबिनहुड

सन 1878 से 1889 तक के ब्रिटिश भारत के इतिहास में एक ऐसे आदिवासी नायक थे जिन्होंने ब्रिटिशों और उनके चाटुकारों के नाक में दम कर दिया था. इससे परेशान ब्रिटिशों ने उन्हें 4 दिसंबर 1889 को फांसी की सजा दी गई थी. इस आदिवासी महानायक को कोई मामा कह कर पुकारता था, तो कोई…

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नागालैंड का हॉर्नबिल फेस्टिवल भारत में सबसे आकर्षक क्यों

विजय उरांव फर्स्ट पीपल के लिए पूर्वोत्तर भारत में हर साल नागालैंड में मनाया जाने वाला हॉर्नबिल फेस्टिवल भारत के सबसे आकर्षक त्योहारों में से एक है. इस त्योहार को नागालैंड के राजधानी कोहिमा के किसामा के नागा गांव में मनाया जाता है. इस आयोजन का उद्देश्य नागा सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करना और अंतर-जनजातीय…

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झारखंड: जानिए किन साहित्यकारों को मिलेगा द्वितीय जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य अवार्ड

साल 2023 का ‘जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य अवार्ड’ अरुणाचल, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के तीन युवा लेखकों को मिलेगा. यह अवार्ड उनकी मौलिक पांडुलिपियों ‘गोमपी गोमुक’, ‘हेम्टू’ और ‘सोमरा का दिसुम’ के लिए 26 नवंबर को रांची स्थित प्रेस क्लब में आयोजित अवार्ड समारोह में प्रदान किया जाएगा. प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन के चयन समिति ने 11 अगस्त…

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तवांग फेस्टिवल: अरुणाचल प्रदेश में यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है

अरुणाचल प्रदेश का पर्यटन विभाग पर्यटकों के आकर्षण और पारंपरिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए इस त्योहार को मनाता है। अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध विविध परंपराओं और संस्कृतियों के बारे में जानने के लिए तवांग एक अद्भुत त्योहार है। महोत्सव का नाम तवांग अरुणाचल प्रदेश के एक हिल स्टेशन तवांग के नाम पर रखा…

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आदिवासियों की जमीन लूट में राज्य सरकार का मौन समर्थन : अलेस्टेयर बोदरा

झारखंड उलगुलान संघ के तत्वावधान में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 की 115वीं वर्षगांठ के अवसर पर Friday को कचहरी मैदान में स्थापित शताब्दी शिलालेख का पारम्परिक ढंग से दिरी-चपी अनुष्ठान विभिन्न गांव के पाहनों द्वारा संयुक्त रूप सम्पन्न किया गया. बाद मे वीर शहीद बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर ग्राम मुंडाओं की अगुवाई में माल्यार्पण…

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10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन