विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार (22 जनवरी, 2025) को कहा कि भारत हमेशा गैरकानूनी तरीके से विदेश में रह रहे भारतीय नागरिकों की वैध वापसी के लिए तैयार रहा है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में रह रहे ऐसे व्यक्तियों की पहचान करने की प्रक्रिया अभी चल रही है, जिन्हें भारत वापस भेजा जा सकता है, और इस तरह के लोगों की सही संख्या का निर्धारण अभी नहीं हो पाया है।
उन्होंने वाशिंगटन में भारतीय पत्रकारों से कहा, “सरकार के रूप में हम वैध आव्रजन का पूरा समर्थन करते हैं क्योंकि हम वैश्विक कार्यबल में विश्वास करते हैं। हम चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभा और कौशल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिकतम अवसर मिलें। लेकिन, हम गैरकानूनी आव्रजन और अवैध तरीके से विदेश में रहने के सख्त खिलाफ हैं।”
जयशंकर ने जोर देकर कहा कि गैरकानूनी आव्रजन के कारण अन्य अवैध गतिविधियां भी जुड़ सकती हैं, जिससे न केवल समस्याएं पैदा होती हैं बल्कि देश की साख पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।
अमेरिका में 1,80,000 भारतीयों के निर्वासन पर भारत और अमेरिका के बीच चल रही चर्चा के संबंध में उन्होंने कहा, “यदि हमारे किसी नागरिक ने किसी अन्य देश में अवैध रूप से प्रवेश किया है और यदि हम पुष्टि कर सकते हैं कि वह भारतीय नागरिक है, तो हम हमेशा उनकी वैध वापसी के लिए तैयार रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह रुख केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है। “मैं समझता हूं कि वर्तमान में इस मुद्दे पर एक बहस चल रही है, जिससे संवेदनशीलता बढ़ गई है, लेकिन भारत का दृष्टिकोण हमेशा से सुसंगत और सैद्धांतिक रहा है। यह रुख हमने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को भी स्पष्ट रूप से बताया।”
जयशंकर ने यह भी कहा कि उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों से यह भी अनुरोध किया कि वैध और आपसी हितों को बढ़ाने वाले आव्रजन को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने वीजा प्रक्रियाओं में देरी का जिक्र करते हुए कहा, “यदि वीजा प्राप्त करने में 400 से अधिक दिन लगते हैं, तो यह हमारे संबंधों के लिए उचित नहीं है।”
गैरकानूनी भारतीयों की संख्या पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने कुछ आंकड़े देखे हैं, लेकिन मैं उन पर सतर्कता बरतने की सलाह देता हूं क्योंकि हमारे लिए कोई भी संख्या तभी मायने रखती है जब हम यह सत्यापित कर सकें कि संबंधित व्यक्ति भारतीय मूल का है।”