संथाल परगना में बांग्लादेशी मुस्लिम की आबादी बढ़ने से आदिवासियों पर क्या प्रभाव पड़ने लगा है?

संताल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी मुसलमानों की उपस्थिति सामाजिक-राजनीतिक चिंता और बहस का विषय रही है। संताल परगना, जो पारंपरिक रूप से एक आदिवासी क्षेत्र है, संताल जनजाति और अन्य स्वदेशी समुदायों का घर है। हालांकि, वर्षों से, बांग्लादेशी मुसलमानों के प्रवास की रिपोर्टें आई हैं, जिससे क्षेत्र में जनसांख्यिकीय, सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव पड़े…

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सरना धर्म कोड क्या है और इसकी चुनौतियाँ क्या है?

परिचय सरना धर्म कोड भारत के आदिवासी समुदायों, विशेषकर झारखंड राज्य में, एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक आंदोलन का प्रतिनिधित्व करता है। “सरना” शब्द उन पवित्र उपवनों(आदिवासी धर्म स्थल, जिन्हें विभिन्न समुदायों में चाला टोंका, जाहेर थान, देशावली आदि के नाम से जाना जाता है) को संदर्भित करता है जहाँ आदिवासी समुदाय प्रकृति की पूजा…

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झारखंड में आदिवासी अस्मिता की क्या स्थिति है?

झारखंड में आदिवासी पहचान का एक अनूठा और महत्वपूर्ण स्थान है, जो राज्य के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ है। झारखंड, जिसे 2000 में बिहार से अलग किया गया था, मुख्य रूप से अपने आदिवासी समुदायों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बनाया गया था। ये आदिवासी राज्य की आबादी का…

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संविधान सभा में जयपाल सिंह मुंडा ने क्यों कहा था कि हमारे साथ छह हजार साल से घिनौना व्यवहार किया जा रहा है

जयपाल सिंह एक असाधारण छात्र, एक शिक्षक और औपनिवेशिक प्रशासक, एक उत्कृष्ट खिलाड़ी, एक शानदार वक्ता, एक दृढ़ निश्चयी राजनेता और आदिवासी अधिकारों के इतिहास में एक प्रमुख व्यक्ति थे. वे पूर्वी भारत में बिहार (वर्तमान झारखंड) प्रांत में मुंडा जनजाति के एक परिवार में छोटानागपुर क्षेत्र के एक छोटे से आदिवासी गाँव में 3…

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कलिंगनगर हत्याकांड का काला इतिहास:  जब निहत्थे आदिवासियों पर चलाई गई थी गोलियां

आदिवासी 2 जनवरी 2006 को ओडिशा के जाजपुर में कलिंगनगर 13 आदिवासी पुरूषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या टाटा स्टील प्लांट के सशस्त्र बलों ने कर दी थी. उस नरसंहार की साल वर्षगांठ मनाने के लिए बड़ी संख्या में आदिवासी कलिंगनगर शहीद स्तंभ पर इकट्ठे होते हैं. 2006 के नरसंहार के बाद हर साल कलिंगनगर…

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सरना कोड को लेकर भारत बंद, केंद्र से आदिवासियों की ये है मांगे

सरना कोड लागू करने की मांग को लेकर शनिवार को भारत बंद रखा गया था। भारत बंद केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद एवं आदिवासी सेंगेल अभियान आदि संगठनों के द्वारा बुलाई गयी थी। भारत बंद के तहत झारखंड के रांची, हजारीबाग, लोहरदगा, खूंटी समेत सात राज्यों में रेल-रोड चक्का जाम किया गया….

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1 जनवरी को जश्न नहीं, शोक मनाते हैं झारखंड के आदिवासी! जानिए क्यों?

भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर अबतक आदिवासियों ने कई नरसंहार झेले हैं. राजस्थान का मानगढ़ धाम नरसंहार हो, गुजरात का पाल-दढ़वाव नरसंहार, या फिर झारखंड का सेरेंगसिया नरसंहार. इनमें हजारों की संख्या में आदिवासी मारे गए, जिनकी यादें अब तक आदिवासी जेहन में मौजूद हैं. झारखंड के खरसांवा में नए साल के दिन हुआ…

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Delisting: What is the connection between the stance of Indira, Modi, RSS, Christian missionaries and the demand for delisting?

The issue of conversion has been such that the leaders of Hindu and Christian communities kept speaking on it, but no organized voice ever came out against it from within the tribal society. Whenever attempts were made, they were foiled politically. However, once again the demand has started rising from some tribal dominated states of…

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10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन