मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के हालात पर बात करते हुए बीते वर्ष को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया। उन्होंने नए साल के आगमन के साथ राज्य में शांति और स्थिरता की उम्मीद जताई।
मुख्यमंत्री ने कहा, “पिछले 3 मई से अब तक जो कुछ हुआ है, उसके लिए मुझे गहरा अफसोस है। मैं राज्य के लोगों से माफी मांगना चाहता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया और कई को अपने घर छोड़ने पड़े। लेकिन पिछले कुछ महीनों में बढ़ती शांति को देखते हुए उन्हें भरोसा है कि नया साल मणिपुर के लिए एक नई शुरुआत लेकर आएगा।
उन्होंने सभी समुदायों से आग्रह किया कि वे बीती बातों को भुलाकर एक-दूसरे को माफ करें और मिलकर एक शांतिपूर्ण भविष्य का निर्माण करें। मुख्यमंत्री ने कहा, “मणिपुर एक ऐसा राज्य है जहां 34-35 जनजातियां मिल-जुलकर रहती थीं। हमें फिर से वही माहौल बनाना होगा।”
2023: मणिपुर हिंसा का दौर
मई 2023 में मैतेई समुदाय और कुकी जनजातियों के बीच जातीय संघर्ष से शुरू हुई हिंसा ने मणिपुर को झकझोर कर रख दिया। इस संघर्ष में 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए।
2024: अशांति और बढ़ते विभाजन का साल
2024 में राज्य में हिंसा और गहरा गई। मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय विभाजन ने हिंसक झड़पों, भीड़ के हमलों, और ड्रोन हमलों का रूप ले लिया।
साल की शुरुआत 1 जनवरी को थौबल जिले में चार ग्रामीणों की हत्या से हुई। इसके बाद इंफाल ईस्ट में पुलिस अधिकारी के घर पर हमला और लोकसभा चुनावों के दौरान हिंसा ने राज्य को अस्थिर कर दिया।
जून में जिरीबाम जिले में एक व्यक्ति की हत्या ने हिंसा को और भड़का दिया। ड्रोन बम हमलों, मिसाइल हमलों और सामुदायिक झगड़ों ने हजारों लोगों को विस्थापित कर दिया।
नवंबर में जिरीबाम जिले में कुकी युवकों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में 10 कुकी युवक मारे गए। इसके बाद महिलाओं और बच्चों के अपहरण और हत्या की घटनाओं ने पूरे राज्य को झकझोर दिया।
भविष्य की उम्मीदें
3 मई 2023 से शुरू हुई हिंसा मणिपुर को स्थायी शांति से दूर कर रही है। अब मुख्यमंत्री बीरेन सिंह, मणिपुर के लोग, और पूरा देश 2025 में शांति और सामंजस्य की उम्मीद कर रहे हैं।