झारखंड की नई सियासी ताकत: कल्पना सोरेन मुर्मू का उदय

झारखंड विधानसभा चुनाव में सफलता के बाद एक ही नाम सुनाई दे रहा है और वो है कल्पना मुर्मू सोरेन का। उन्होंने फिर से गांडेय विधानसभा से जीत दर्ज की है। झारखंड में INDIA गठबंधन की स्टार कैंपेनर होने के कारण माना जा रहा है, कि कल्पना सोरेन मुर्मू के प्रसिद्धि के कारण ही इतनी बड़ी सफलता मिली है।

झारखंड की राजनीति में नई उम्मीद और बदलाव की एक मजबूत आवाज़ बनकर उभर रहीं कल्पना सोरेन मुर्मू ने 2024 के विधानसभा चुनाव में एक अहम भूमिका निभाई है। आदिवासी समाज के मुद्दों को प्राथमिकता में रखते हुए, उन्होंने विकास, शिक्षा, और अधिकारों की आवाज को बुलंद किया है। कल्पना सोरेन मुर्मू न केवल आदिवासी महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि वे झारखंड के समग्र विकास के लिए एक नई दिशा देने का प्रयास कर रही हैं। उनके विचार, नेतृत्व, और सामाजिक सरोकारों ने इस चुनाव को और भी खास बना दिया है।

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कल्पना मुर्मू का जन्म 3 मार्च 1985 को कपूरथला, पंजाब में एक संथाल परिवार में हुआ। उनके पिता, कैप्टन अम्पा मुर्मू, भारतीय सेना में थे, जिनका मूल निवास ओडिशा के मयूरभंज जिले में है। पिता की पोस्टिंग के चलते उन्होंने कई राज्यों के केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ाई की। कल्पना ने ओडिशा की बीजू पटनायक यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के कौस्तुव इंस्टीट्यूट ऑफ सेल्फ-डोमेन से बी.टेक पूरा किया।

7 फरवरी 2006 को उनकी शादी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से हुई। शादी के बाद उन्होंने सिम्बायोसिस सेंटर फॉर डिस्टेंस लर्निंग, पुणे से 2012 में एमबीए किया। उड़िया, हिंदी, अंग्रेजी और संथाली भाषाओं में पारंगत कल्पना अपने स्कूल के दिनों में पढ़ाई के साथ हॉकी खेलती थीं।

सामाजिक और व्यावसायिक योगदान


कल्पना सोना शोभाराम मेमोरियल सोसाइटी की अध्यक्ष और सोहराई लाइवस्टॉक प्राइवेट लिमिटेड समेत कई संस्थानों की निदेशक हैं। रांची में उन्होंने एक प्ले स्कूल की स्थापना की और व्यवसाय में अपनी अलग पहचान बनाई।

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राजनीतिक प्रवेश


31 जनवरी 2024 को, उनके पति हेमंत सोरेन की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के बाद, कल्पना ने राजनीति में कदम रखा। 4 मार्च 2024 को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अभियान की कमान संभालते हुए उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के दिलीप कुमार वर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।

चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने मुंबई के आज़ाद मैदान और दिल्ली के रामलीला मैदान जैसी प्रमुख रैलियों में प्रभावशाली भाषण दिए। झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में वह झामुमो की स्टार प्रचारक बनीं और झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ इंडिया गठबंधन को बहुमत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। गठबंधन को 81 में से 54 सीटें (झामुमो 34, कांग्रेस 16, राजद 4) प्राप्त हुईं।

कल्पना सोरेन ने राजनीति में कम समय में न केवल अपनी विशेष पहचान बनाई, बल्कि झारखंड की राजनीति में महिलाओं के बढ़ते योगदान का प्रतीक भी बन गईं।

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