‘डार्क हॉर्स’ और नजीर हेम्ब्रोम: भाषा, अनुवाद और सांस्कृतिक संवाद

‘डार्क हॉर्स’ ‘नजीर हेम्ब्रोम’ को डार्क हॉर्स का ओलचिकी लिपि का इस्तेमाल करते हुए अनुवाद के लिए, साथ ही साहित्य अकादेमी अवार्ड मिलने पर तहे दिल से बधाई. “डार्क हॉर्स” एक अंग्रेज़ी मुहावरा है, जिसका अर्थ है अप्रत्याशित रूप से सफलता प्राप्त करने वाला व्यक्ति। हिंदी में इसे ‘छुपा रुस्तम’ भी कहा जा सकता है।…

Read More

The Hopi People: Culture, Religion, and Way of Life

The Hopi people are one of the oldest Native American tribes, primarily residing in northeastern Arizona. They are known for their deeply spiritual way of life, intricate traditions, and remarkable ability to maintain their cultural identity despite centuries of external influence. The Hopi refer to themselves as “Hopituh Shi-nu-mu,” meaning “The Peaceful People” or “The…

Read More

भगोरिया महोत्सव को राज्य स्तरीय पर्व का दर्जा, आदिवासी संस्कृति संरक्षण की नई पहल

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भगोरिया महोत्सव को राज्य स्तरीय पर्व के रूप में मान्यता देने की घोषणा की। सरकार ने आश्वासन दिया कि इस पारंपरिक त्योहार की मौलिकता को बनाए रखते हुए इसे पूरे सम्मान के साथ मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ‘आदिवासी देवलोक महोत्सव’ के दौरान कहा कि वे स्वयं भी इन…

Read More

बाहा पर्व: प्रकृति और परंपरा का उत्सव

भारत के आदिवासी समुदायों की संस्कृति और परंपराएँ उनकी प्रकृति-केन्द्रित जीवनशैली को दर्शाती हैं। इन्हीं परंपराओं में से एक महत्वपूर्ण पर्व है बाहा पर्व, जिसे फूलों का त्योहार भी कहा जाता है। यह त्योहार झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, और छत्तीसगढ़ के संथाल, मुंडा, हो, और उरांव समुदायों द्वारा मनाया जाता है। बाहा पर्व केवल एक…

Read More

झारखंड में आदिवासियों की सरकारी नौकरियों में भागीदारी: चौंकाने वाले आंकड़े

झारखंड में आदिवासी समुदाय राज्य की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन सरकारी नौकरियों में उनकी भागीदारी बेहद कम है। 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या का 26.2 प्रतिशत हिस्सा आदिवासी समुदाय से आता है। बावजूद इसके, सरकारी और स्थायी नौकरियों में उनकी हिस्सेदारी न के बराबर है। आदिवासी समुदाय की…

Read More

1901 और 1941 की जातिगत जनगणना में लोहरा आदिवासी

झारखंड के इतिहास में ब्रिटिश शासन के दौरान और उसके बाद भी जातिगत जनगणना एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। लोहरा आदिवासी समुदाय का इतिहास अन्य प्रमुख जनजातियों—मुंडा, संथाल, उरांव, खड़िया और हो—के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। झारखंड के रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, लातेहार और खूंटी जिलों में निवास करने वाले लोहरा आदिवासियों की…

Read More

मणिपुर में मुक्त आवाजाही पर रोक: आदिवासी संगठन का विरोध

मणिपुर में एक प्रमुख जनजातीय संगठन ने केंद्र सरकार के उस प्रयास का विरोध करने का निर्णय लिया है, जिसमें इंफाल घाटी को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाली सभी सड़कों पर मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करने की बात कही गई थी। इंफाल घाटी से गुजरने वाले दो मुख्य राजमार्ग और अन्य सभी प्रमुख सड़कें…

Read More

पद्मश्री सिमोन उरांव: जल संरक्षण के योद्धा, अब उपेक्षित बीमार मदद के बिना लाचार

प्रसिद्ध समाजसेवी और पद्मश्री सम्मानित सिमोन उरांव इन दिनों गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। 2016 में जब जल संरक्षण कार्यों के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान मिला, तो उनकी उपलब्धियों की चर्चा भारत से लेकर विदेशों तक हुई। कई डॉक्यूमेंट्री और फिल्में उन पर बनीं। दूरदर्शन ने उनकी कहानी ‘झरिया’ नाम से प्रसारित की, और…

Read More

संथाल समाज और कुत्ता विवाह: एक सांस्कृतिक परंपरा का विश्लेषण

भारत के आदिवासी समाजों में विभिन्न रीति-रिवाज और परंपराएँ देखने को मिलती हैं, जो उनकी सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक मान्यताओं को दर्शाती हैं। संथाल समुदाय, जो झारखंड, बिहार, ओडिशा, और पश्चिम बंगाल में मुख्य रूप से बसा हुआ है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं के लिए जाना जाता है। इन्हीं परंपराओं में से एक…

Read More

गुजरात विधानसभा में आदिवासी छात्रवृत्ति बंद करने के फैसले पर हंगामा

गुजरात सरकार ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में बदलाव करते हुए इसे मैनेजमेंट कोटा से दाखिला लेने वाले आदिवासी छात्रों के लिए बंद करने का फैसला किया है। यह निर्णय शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से प्रभावी होगा। विपक्ष का कड़ा विरोध, विधानसभा में हंगामा इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों…

Read More
10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन