दुर्गा बाई व्योम: गोंड कला से पद्मश्री तक की प्रेरणादायक यात्रा

दुर्गा बाई व्योम का नाम भारतीय लोककला के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वह मध्य प्रदेश के आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं और अपनी गोंड कला के लिए प्रसिद्ध हैं। दुर्गा बाई व्योम की यात्रा न केवल उनकी कलात्मक उपलब्धियों की कहानी है, बल्कि यह संघर्ष, समर्पण और अपनी जड़ों से जुड़े…

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बीस बरस की काली रात, आदिवासियों का खोता हुआ भविष्य: कार्तिक उरांव

बीसवीं सदी में आदिवासी समाज की स्थिति और अधिकारों पर बहस ने भारतीय राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को प्रभावित किया। डॉ. कार्तिक उरांव जैसे समाज सुधारकों ने इस मुद्दे को लेकर गंभीर विचार किए। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि कैसे आदिवासी समाज परिवर्तन के दौर में भी अपनी पहचान, अधिकार और संस्कृति से वंचित…

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Stereotypes about Adivasis: A bridge between reality and myths

Adivasi communities are an integral part of India’s rich cultural and historical heritage. Their traditions, customs, and lifestyles add depth to the diversity of this country. But unfortunately, mainstream society and media have many stereotypes about Adivasis. These stereotypes hide their real contributions, struggles, and identity, and present them as a homogenous and backward community….

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‘Adivasi’ vs ‘Vanvasi’: An identity struggle

“Adivasi” and “vanvasi” are two terms that are used to refer to tribal communities in India, but there is a significant ideological and cultural difference between the two terms. These terms are used based on different social, political and cultural perspectives, which further deepens this debate. The term “Adivasi” is derived from two Sanskrit words…

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एक तरफ धर्मांतरण, दूसरी ओर आदिवासी एकता का ढोंग

तोरपा के संत जोसेफ हाई स्कूल में चर्च द्वारा बुलाए गए, आदिवासी मिलन समारोह को आदिवासी सरना समाज ने विरोध किया है। इस आयोजन को चर्च समर्थित सरना संगोम समिति तथा पड़हा समिति ने समर्थन दिया है। सरना समाज के रेड़ा मुंडा ने कहा, “सरना संगोम समिति तथा पड़हा समिति मिशनारियों की आड़ में आदिवासी…

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आदिवासी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

 विश्व आदिवासी दिवस International Day of world’s Indigenous People संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार पूरे विश्व में आदिवासियों की 5 फीसदी आबादी है, लेकिन विश्व की गरीबी में उनकी हिस्सेदारी 15 फीसदी है। इसमें आदिवासियों की अपनी 7 हजार भाषाएं है व 5 हजार विभिन्न संस्कृतियां है। आदिवासी दिवस मनाने के लिए प्रत्येक वर्ष एक…

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अल्लूरी सीता राम राजू: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीर योद्धा

अल्लूरी सीता राम राजू (1897-1924) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान योद्धा और आदिवासी नेता थे। उनका जन्म 4 जुलाई, 1897 को वर्तमान आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले में हुआ था। अल्लूरी सीता राम राजू ने अपने जीवन को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित किया और अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका…

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Why tribals demand exclusion from ST list to converted tribals?

The demand for exclusion of converted tribals from the Scheduled Tribes (ST) list is a complex and contentious issue in India, particularly among tribal communities. This demand stems from various factors, including questions of identity, social status, political representation, and access to benefits. Here, we explore these aspects in detail to understand the reasons behind…

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संथाल परगना में बांग्लादेशी मुस्लिम की आबादी बढ़ने से आदिवासियों पर क्या प्रभाव पड़ने लगा है?

संताल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी मुसलमानों की उपस्थिति सामाजिक-राजनीतिक चिंता और बहस का विषय रही है। संताल परगना, जो पारंपरिक रूप से एक आदिवासी क्षेत्र है, संताल जनजाति और अन्य स्वदेशी समुदायों का घर है। हालांकि, वर्षों से, बांग्लादेशी मुसलमानों के प्रवास की रिपोर्टें आई हैं, जिससे क्षेत्र में जनसांख्यिकीय, सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव पड़े…

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10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन