साहित्य अकादमी ने 21 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 की घोषणा की है। इस वर्ष हिंदी साहित्य के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार कवयित्री गगन गिल को उनकी कृति “मैं जब तक आयी बाहर” के लिए प्रदान किया जाएगा।
गगन गिल: जीवन परिचय और साहित्यिक योगदान
गगन गिल का जन्म 18 नवंबर 1959 को नई दिल्ली में हुआ। उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. की शिक्षा प्राप्त की। उनकी साहित्यिक यात्रा 1983 में उनके पहले कविता संग्रह “एक दिन लौटेगी लड़की” के प्रकाशन से शुरू हुई। इस संग्रह के साथ ही गगन गिल साहित्य जगत में एक प्रतिष्ठित और प्रभावशाली कवयित्री के रूप में उभरीं।
गगन गिल की कविताएं उनकी गहरी संवेदनशीलता, स्त्री-मन के सूक्ष्म विश्लेषण और सामाजिक जटिलताओं की अभिव्यक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी कविताओं में एक संयमित और सशक्त दृष्टिकोण देखने को मिलता है, जो पाठकों को स्त्री जीवन के अनुभवों और संघर्षों से रूबरू कराता है।
प्रमुख कृतियां
गगन गिल ने कई प्रभावशाली कविताएं और गद्य रचनाएं प्रकाशित की हैं। उनके प्रमुख कविता संग्रह हैं:
- एक दिन लौटेगी लड़की (1989)
- अंधेरे में बुद्ध (1996)
- यह आकांक्षा समय नहीं (1998)
- थपक थपक दिल थपक थपक (2003)
- मैं जब तक आयी बाहर (2018)
इसके अलावा उनकी गद्य कृतियां हैं:
दिल्ली में उनींदे (2000)
अवाक् (2008)
देह की मुंडेर पर (2018)
साहित्य अकादमी पुरस्कार क्या है?
साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान में से एक है, जो हर वर्ष भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों को सम्मानित करने के लिए प्रदान किया जाता है। इसकी स्थापना 1954 में हुई थी। यह पुरस्कार साहित्य अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त 24 भाषाओं में दिया जाता है, जिसमें कविता, उपन्यास, निबंध, आलोचना, और नाटक जैसी विधाएं शामिल हैं। पुरस्कार के तहत विजेता को ₹1,00,000 की धनराशि, एक प्रशस्ति पत्र और एक प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाता है।
पूर्व में प्राप्त सम्मान
गगन गिल को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है, जिनमें प्रमुख हैं:
भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार (1984)
संस्कृति पुरस्कार (1989)
गगन गिल की रचनाएं उनकी गहन दृष्टि और विशिष्ट शैली के लिए हमेशा याद की जाएंगी, और साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 उनके अभूतपूर्व साहित्यिक योगदान का प्रमाण है।