मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से जारी जातीय हिंसा पर अब तक शांति स्थापित नहीं हो पाई है। इस गंभीर स्थिति के बीच, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर का दौरा करने का आग्रह किया है। शुक्रवार को इस संबंध में प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा गया, जिसमें तीन प्रमुख मांगें रखी गईं।
विपक्ष की तीन प्रमुख मांगें
- मणिपुर दौरे की अपील
प्रधानमंत्री को 2024 के अंत से पहले मणिपुर का दौरा करने की अपील की गई है ताकि वहां के लोगों से सीधे संवाद हो सके। - सभी दलों के साथ बैठक
यदि दौरा संभव नहीं है, तो प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया है कि मणिपुर के सभी राजनीतिक दलों को दिल्ली में अपने आवास पर आमंत्रित करें। - सीधी भागीदारी
प्रधानमंत्री से मणिपुर के लोगों के साथ सीधा जुड़ाव और बातचीत करने की मांग की गई है। विपक्ष का मानना है कि यह कदम शांति बहाली में सहायक होगा।
मणिपुर की वर्तमान स्थिति
मणिपुर में हिंसा ने राज्य को गहरे संकट में डाल दिया है। लगभग एक लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं और सैकड़ों जानें जा चुकी हैं। लोग दहशत में हैं, बच्चों की शिक्षा बाधित हो रही है, और व्यवसाय ठप्प पड़े हैं। लगातार हिंसा से लोगों में दर्द और असुरक्षा की भावना बढ़ी है।
पिछले महीने जिरिबाम जिले में बराक नदी में महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसा फिर भड़क उठी। इसके परिणामस्वरूप मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमले हुए।
मोदी सरकार पर उठते सवाल
मणिपुर में बीते 20 महीनों से मैतेई समुदाय और कुकी जनजाति के बीच हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 250 से अधिक लोगों की जान गई है और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। इस दौरान राज्य में कर्फ्यू और इंटरनेट प्रतिबंध लागू हैं।
केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार होने के बावजूद हिंसा पर काबू न पाने के कारण मोदी सरकार और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
विपक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री का मणिपुर दौरा वहां के लोगों में भरोसा बहाल कर सकता है और शांति बहाली की प्रक्रिया को गति दे सकता है। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री और सरकार ने इस संकट पर पर्याप्त कदम नहीं उठाए।
प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
20 जुलाई को प्रधानमंत्री ने संसद के बाहर मणिपुर की स्थिति पर बयान दिया था। उन्होंने मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई भयावह घटना पर गहरी पीड़ा व्यक्त की और कहा कि यह घटना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कानून व्यवस्था मजबूत करने की अपील की थी।
बाद में संसद में उन्होंने मणिपुर में शांति बहाली के लिए राजनीति से ऊपर उठने की बात कही थी। हालांकि विपक्ष का आरोप है कि इसके बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
विपक्ष का मानना है कि प्रधानमंत्री का मणिपुर दौरा न केवल वहां के लोगों के साथ सरकार की संवेदनशीलता दर्शाएगा, बल्कि इससे शांति बहाली की प्रक्रिया में भी गति आएगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस अपील पर क्या कदम उठाती है।