
Category: First People

Do you Know? who was the only tribal Chief Minister of undivided Madhya Pradesh
Do you know that in the political history of Madhya Pradesh, the only tribal to become the Chief Minister was the one who belonged to Chhattisgarh. The name of that tribal chief minister was Raja Nareshchandra Singh. Who belonged to the Gond community. Raja Nareshchandra Singh, the Gond tribal leader of Chhattisgarh, dedicated his entire…

नागालैंड का हॉर्नबिल फेस्टिवल भारत में सबसे आकर्षक क्यों
विजय उरांव फर्स्ट पीपल के लिए पूर्वोत्तर भारत में हर साल नागालैंड में मनाया जाने वाला हॉर्नबिल फेस्टिवल भारत के सबसे आकर्षक त्योहारों में से एक है. इस त्योहार को नागालैंड के राजधानी कोहिमा के किसामा के नागा गांव में मनाया जाता है. इस आयोजन का उद्देश्य नागा सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करना और अंतर-जनजातीय…

झारखंड: जानिए किन साहित्यकारों को मिलेगा द्वितीय जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य अवार्ड
साल 2023 का ‘जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य अवार्ड’ अरुणाचल, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के तीन युवा लेखकों को मिलेगा. यह अवार्ड उनकी मौलिक पांडुलिपियों ‘गोमपी गोमुक’, ‘हेम्टू’ और ‘सोमरा का दिसुम’ के लिए 26 नवंबर को रांची स्थित प्रेस क्लब में आयोजित अवार्ड समारोह में प्रदान किया जाएगा. प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन के चयन समिति ने 11 अगस्त…

संथालों का सोहराय क्या है और क्यों मनाया जाता है
सोहराय एक शीतकालीन फसल उत्सव है. इस त्यौहार को बंदना पर्व के नाम से भी जाना जाता है. यह त्यौहार झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल में आदिवासियों के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है. यह मुख्य रूप से सर्दियों की फसल की शुरुआत में मनाया जाता है. या फसल हो जाने के…

झारखंड: जंगल पर निर्भर जनजातियों को हेमंत का उपहार, अबुआ वीर दिशोम अभियान आरंभ
हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड में छह नवंबर से अबुआ वीर दिशोम अभियान आरंभ करने की योजना बनाई है। आदिवासियों-मूलवालियों को जल, जंगल, जमीन अभियान के तहत यह योजना आरंभ की गई है। आज से हेमन्त सरकार इसकी शुरुआत करेंगे। वनों पर निर्भर रहने वाली जनजातियों को इस योजना में वनाधिकार का पट्टा दिया जायेगा।…

संकट में लुगुबुरु घंटा बाड़ी धोरोम गाढ़, बचाने के लिए आदिवासियों ने निकाली रैली
लुगुबुरु घंटा बाड़ी धोरोम गाढ़, सभी आदिवासियों का एक धार्मिक धरोहर है। यह धार्मिक स्थल संकट में है। आदिवासियों की भाषा, संस्कृति, परंपरा, धार्मिक और सामाजिक परंपरा की जड़ें लुगु पहाड़ व लुगूबुरु घंटाबाडी धोरोमगाढ़ से जुड़ी है. परियोजनाओं के नाम पर आदिवासी धरोहरों को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। आदिवासियों के…

मणिपुर: आदिवासी नेताओं का आरोप: पुलिस के अत्याचार से गांव छोड़कर भागे सैकड़ों ग्रामीण
मणिपुर में कई आदिवासी संगठनों और 10 आदिवासी विधायकों ने शुक्रवार को दावा किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि म्यांमार की सीमा से लगे इलाकों में पुलिस कमांडो के तलाशी अभियान, गैर-पेशेवर आचरण, अत्याचारों और अमानवीय ज्यादतियों के कारण खौफ की वजह से सैकड़ों पुरुष, महिलाएं और बच्चे टेंग्नौपाल जिले के मोरेह स्थित अपने गांव…

धुमकुड़िया 2023: आदिवासी विषयों पर धुमकुड़िया ने मंगाया शोधपत्र, नयी सोच, कला और चित्रकला पर जोर
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी धुमकुड़िया ने आदिवासी विषयों पर नयी सोच, कला, चित्रकला और शोधपत्र के आमंत्रित किया है। धुमकुड़िया आदिवासियों का एक वैचारिक संगठन है। क्या है धुमकुड़िया धुमकुड़िया उरांव जनजाति के बीच एक पारंपरिक शैक्षणिक संस्थान है, यह संस्थान सांस्कृतिक, धार्मिक, व्यावसायिक और जीवित रखने का सबब तथा पुरखों से…

Diwali 2023: यहां आदिवासी मनाते है अनोखी दिवाली, लगता है ‘घुंगरु बाजार’
आज का आधुनिक समाज अपनी जड़ों और संस्कृति से हटकर मन की शांति खो रहा है, दूसरी ओर आधुनिक संसाधनों से दूर घने जंगलों में प्रकृति की निकटता में रहने वाला आदिवासी समाज आज भी अपनी संस्कृति को बचाकर अपनी जड़ें जमाए हुए है। महाराष्ट्र के अमरावती जिले में मेलघाट कई जनजातियों का घर है,…

लद्दाख के आदिवासी बहादुरी और बुद्ध में आस्था के लिए जाने जाते हैं: राष्ट्रपति
लद्दाख के आदिवासी बहादुरी और बुद्ध में आस्था के लिए जाने जाते हैं. भगवान बुद्ध का अमर और जीवंत संदेश लद्दाख के माध्यम से दूर-दूर के देशों में फैला. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि लद्दाख में कई आदिवासी समुदायों की समृद्ध परंपराएं जीवित हैं। उन्होंने कहा कि लोग प्रकृति के प्रति स्नेह और सम्मान…