
Category: First People

‘Adivasi’ vs ‘Vanvasi’: An identity struggle
“Adivasi” and “vanvasi” are two terms that are used to refer to tribal communities in India, but there is a significant ideological and cultural difference between the two terms. These terms are used based on different social, political and cultural perspectives, which further deepens this debate. The term “Adivasi” is derived from two Sanskrit words…

Understanding Sohrai of the Santhals: Significance and Celebration
Sohrai, also known as Bandana Parva, is a prominent winter harvest festival among the tribal communities in Jharkhand, Bihar, Chhattisgarh, Odisha, and West Bengal. It marks the beginning or end of the harvest season, celebrated when the paddy ripens, usually on the new moon day of the Bengali month Kartik (October-November) alongside Diwali or Kali…

आदिवासी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है
विश्व आदिवासी दिवस International Day of world’s Indigenous People संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार पूरे विश्व में आदिवासियों की 5 फीसदी आबादी है, लेकिन विश्व की गरीबी में उनकी हिस्सेदारी 15 फीसदी है। इसमें आदिवासियों की अपनी 7 हजार भाषाएं है व 5 हजार विभिन्न संस्कृतियां है। आदिवासी दिवस मनाने के लिए प्रत्येक वर्ष एक…

ST/SC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: कोटे के अंदर कोटे से किसे होगा फायदा?
सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्वेशन में कोटे के अंदर कोटे मामले में अपना फैसला सुना दिया है. SC के फैसले के अनुसार राज्य अब अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) को सब कैटेगरी में बांटकर आरक्षण दे सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने 2004 के अपने ही फैसले को बदल दिया है. इन…

मानगढ़ धाम का इतिहास क्या है?
मानगढ़ धाम, जो राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण और वीरतापूर्ण घटना से जुड़ा हुआ है। यह स्थान 17 नवंबर 1913 को हुई एक बड़ी घटना के लिए प्रसिद्ध है, जिसे “मानगढ़ नरसंहार” के नाम से जाना जाता है। मानगढ़ धाम का इतिहास: आज, मानगढ़ धाम भारतीय स्वतंत्रता…

अल्लूरी सीता राम राजू: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीर योद्धा
अल्लूरी सीता राम राजू (1897-1924) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान योद्धा और आदिवासी नेता थे। उनका जन्म 4 जुलाई, 1897 को वर्तमान आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले में हुआ था। अल्लूरी सीता राम राजू ने अपने जीवन को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित किया और अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका…

भगत सिंह से पहले बिरसा मुंडा का रातोंरात कर दिया था अंतिम संस्कार
नौ जून, 1900। झारखंड के इतिहास में यह तारीख दर्ज है। इसी दिन धरती आबा बिरसा मुंडा रांची के नवनिर्मित जेल में अंतिम सांस ली थी। तब भी मौसम ऐसा ही जानलेवा था। ब्रिटिश अधिकारियों ने हैजा से मृत्यु का कारण बताया। आनन-फानन में पोस्टमार्टम किया गया। बिरसा के अनुयायियों को भरोसा था-बिरसा मर नहीं…

क्या है गोवा दिवस? जानिए, इसके इतिहासिक राज्य बनने की कहानी।
गोवा राज्य दिवस, जो हर साल 30 मई को मनाया जाता है, उस दिन की याद दिलाता है जब 1987 में गोवा को राज्य का दर्जा दिया गया और यह भारत का 25वां राज्य बन गया। यह घटना क्षेत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी, जो एक पुर्तगाली उपनिवेश से एक संघ…

संथाल परगना में बांग्लादेशी मुस्लिम की आबादी बढ़ने से आदिवासियों पर क्या प्रभाव पड़ने लगा है?
संताल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी मुसलमानों की उपस्थिति सामाजिक-राजनीतिक चिंता और बहस का विषय रही है। संताल परगना, जो पारंपरिक रूप से एक आदिवासी क्षेत्र है, संताल जनजाति और अन्य स्वदेशी समुदायों का घर है। हालांकि, वर्षों से, बांग्लादेशी मुसलमानों के प्रवास की रिपोर्टें आई हैं, जिससे क्षेत्र में जनसांख्यिकीय, सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव पड़े…

सरना धर्म कोड क्या है और इसकी चुनौतियाँ क्या है?
परिचय सरना धर्म कोड भारत के आदिवासी समुदायों, विशेषकर झारखंड राज्य में, एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक आंदोलन का प्रतिनिधित्व करता है। “सरना” शब्द उन पवित्र उपवनों(आदिवासी धर्म स्थल, जिन्हें विभिन्न समुदायों में चाला टोंका, जाहेर थान, देशावली आदि के नाम से जाना जाता है) को संदर्भित करता है जहाँ आदिवासी समुदाय प्रकृति की पूजा…