झारखंड: रांची में उरांव जनजाति की महिला पर धर्म परिवर्तन का दबाव

लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड के बरवा टोली निवासी झरिया उरांव (36) ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी सकलपति उरांव (32) को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में रविवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा को लिखित शिकायत सौंपी। इसके अलावा, उन्होंने सेन्हा थाना प्रभारी से भी शिकायत दर्ज कराई है। डॉ. आशा लकड़ा ने मामले को गंभीर मानते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

मामले की पृष्ठभूमि

झरिया उरांव ने बताया कि उनकी पत्नी सकलपति पिछले तीन साल से रांची में मजदूरी कर रही थीं। पिछले दो सालों से वह लोहरदगा जिले के कैरो प्रखंड स्थित बंडा गांव के निवासी फारूख अंसारी (40) के साथ रह रही थीं। इस दौरान सकलपति ने अपने परिवार से संपर्क तोड़ लिया और उनके मोबाइल नंबर तक ब्लॉक कर दिए।

हाल ही में सकलपति अचानक अपने गांव लौटीं। गांव वालों ने बैठक कर यह निर्णय लिया कि सकलपति को उरांव समाज में उनकी रीति-रिवाजों के तहत वापस शामिल किया जाएगा। इस निर्णय पर सकलपति और झरिया उरांव सहमत हुए और उन्होंने 15 दिनों का समय मांगा। इसके बाद सकलपति रांची अपना सामान लेने गईं।

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एनसीएसटी की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा से शिकायत करते हुए

गांव में विवाद

12 दिनों बाद, सकलपति ने पंचायत बुलाने के लिए मुखिया को बुलावा भेजा। बैठक में सकलपति के साथ 30-35 साल की तीन मुस्लिम महिलाएं भी आईं, जो सकलपति को वापस रांची ले जाने का दबाव बना रही थीं। ग्रामीण महिलाओं के विरोध करने पर उन मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि सकलपति ने 35,000 रुपये का लोन लिया है, जिसे चुकाना होगा।

विवाद बढ़ने पर मुस्लिम महिलाओं ने गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार किया, जिसके बाद उन्हें गांव से बाहर कर दिया गया। मुखिया और ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया कि झरिया और सकलपति उरांव अपने रीति-रिवाजों के अनुसार समाज में रहेंगे।

धोखाधड़ी और धमकियां

इसके बाद, सकलपति ने तीनों महिलाओं को फोन कर सेन्हा चौक बुलाया। वहां उन महिलाओं ने सकलपति से उसका श्रम कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, जमीन के दस्तावेज और 40,000 रुपये नकद ले लिए।

रांची लौटने के बाद, मुस्लिम महिलाओं ने झरिया उरांव को फोन कर धमकियां दीं। उन्होंने कहा कि वे सकलपति को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कराएंगे और रोकने की कोशिश करने वालों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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आयोग की कार्रवाई की उम्मीद

एनसीएसटी की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कदम उठाने का भरोसा दिया है। ग्रामीणों ने भी प्रशासन से इस मामले में न्याय की मांग की है।

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