मुक्त कविताएं
हर बात पर मेरी हामी नहीं हैज़ुल्म के आगे सलामी नहीं हैभूल गया मेरी खुद्दारी का इम्तहान लेने वालामेरी रगों में लहू है, ग़ुलामी नहीं है -अज्ञात “हम पूरी तरह से, दुनिया में एकमात्र ऐसे व्यक्ति होने से इनकार करते हैं जो अपने भाग्य का फैसला दूसरों द्वारा करने के लिए सहमत है।” -गोल्डा मेयर,…
