Adivasi School

हेमंत युग नहीं, झारखंडी चेतना का पुनर्जागरण है यह

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के केंद्रीय अध्यक्ष के रूप में हेमंत सोरेन की नियुक्ति को केवल सत्ता हस्तांतरण कहना राजनीतिक दृष्टिकोण की संकीर्णता होगी। यह झारखंडी जनचेतना के नेतृत्व का आधिकारिक स्वीकार है—एक ऐसा नेतृत्व जो जंगल, जमीन, और जल के अधिकार की नहीं, बल्कि आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की खोज में लगी एक जनजातीय आत्मा…

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सरहुल पर्व: जब मछली और केकड़े बन जाते हैं पृथ्वी के जीवन की कहानी के नायक!

🌿 प्रकृति का उत्सव, विज्ञान का रहस्य, और संस्कृति का संगम झारखंड के आदिवासी समुदायों का प्रसिद्ध सरहुल पर्व सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि पृथ्वी और सूर्य के प्रेम की गाथा है। यह वह समय होता है जब सखुआ (साल) के पेड़ों पर नए फूल खिलते हैं, प्रकृति नवजीवन का संदेश देती है, और लोग…

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‘डार्क हॉर्स’ और नजीर हेम्ब्रोम: भाषा, अनुवाद और सांस्कृतिक संवाद

‘डार्क हॉर्स’ ‘नजीर हेम्ब्रोम’ को डार्क हॉर्स का ओलचिकी लिपि का इस्तेमाल करते हुए अनुवाद के लिए, साथ ही साहित्य अकादेमी अवार्ड मिलने पर तहे दिल से बधाई. “डार्क हॉर्स” एक अंग्रेज़ी मुहावरा है, जिसका अर्थ है अप्रत्याशित रूप से सफलता प्राप्त करने वाला व्यक्ति। हिंदी में इसे ‘छुपा रुस्तम’ भी कहा जा सकता है।…

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बिरसा आंदोलन के 125 साल बाद आदिवासियों के लिए क्या बदला?

बिरसा मुंडा: कल आज और कल-1 कृति मुण्डा नाम है उसका, घर के चौथे मंजिल में लगभग बंद सी रहती है. दिन में शायद ही कभी निकलती है. सबसे खास बात है उसे निकलने नहीं दिया जाता है. अब उसे आदत सी हो गयी है कि अब उसे निकलने की जरुरत भी नहीं पड़ती है….

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झारखण्ड और पड़ोसी राज्यों में भाषा और लिपि की लड़ाई सिर्फ गलत और सही की लड़ाई नहीं है भाग-1

दरअसल ये आदिवासी-आदिवासियत और आदिवासी अस्तित्व की लड़ाई है या तो आप रोमन साम्राज्य के साथ हैं या संताल समाज के साथ. क्षणिक भर के लिए आप रोमन साम्राज्य से प्रभावित हो सकते हैं लेकिन सभ्यता की लड़ाई में आपको ओलचिकी और संताली भाषा का कम से कम — 500/ 1000 साल का भविष्य का…

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10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन