Headlines

असम से मणिपुर: कुकी-जो शरणार्थियों की घर वापसी प्रक्रिया शुरू

असम के कार्बी आंगलोंग जिले में रह रहे कुकी-जो समुदाय के शरणार्थियों को मणिपुर वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ये शरणार्थी 3 मई 2023 को मणिपुर में हुए जातीय संघर्ष के बाद असम की सिंहासन पहाड़ियों में शरण लेने को मजबूर हुए थे।

घर वापसी की प्रक्रिया

कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (Karbi Anglong Autonomous Council) ने सभी संबंधित पक्षों के साथ बैठक कर इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने और शरणार्थियों की सहमति से घर वापसी सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है।

परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलीराम रोंघांग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी शरणार्थी को जबरन नहीं निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि शरणार्थियों की वापसी से पहले कुकी समुदाय के प्रतिनिधियों समेत सभी सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से विचार-विमर्श किया जाएगा।

भूमि अधिकारों पर सख्त रुख

रोंघांग ने यह भी कहा कि कार्बी आंगलोंग में केवल स्थायी निवासियों को भूमि अधिकार दिए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया, “मणिपुर जैसे अन्य राज्यों से आए लोगों को हमारे भूमि अधिकार कार्यक्रम के तहत कोई अधिकार नहीं मिलेगा।”

See also  Kurmi ST Controversy: Identity, Politics, and the Fear of a “Second Manipur”

मणिपुर सरकार की प्रतिक्रिया

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य में केवल “वास्तविक नागरिकों” को ही स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 1961 को आधार वर्ष मानकर नागरिकों की पहचान की जाएगी, और कोई भी अवैध प्रवासी राज्य में स्वीकार्य नहीं होगा।

जातीय हिंसा का दुष्प्रभाव

मणिपुर में कुकी-जो और मैतई समुदायों के बीच मई 2023 में हुई हिंसा में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, और 50,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए थे। इनमें से कई कुकी-जो समुदाय के लोग असम के कार्बी आंगलोंग जिले में शरण लेने पहुंचे थे।

संतुलन और चुनौतियां

कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद ने प्रयास किया है कि शरणार्थियों की वापसी से स्थानीय समुदाय के अधिकारों और भूमि पर कोई असर न पड़े। साथ ही, वापसी की प्रक्रिया के दौरान शांति बनाए रखने पर जोर दिया गया है। हालांकि, इस संवेदनशील मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना बड़ी चुनौती बनी हुई है।

See also  लद्दाख के आदिवासी बहादुरी और बुद्ध में आस्था के लिए जाने जाते हैं: राष्ट्रपति

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन