– विजय उरांव
अमेरिका में भारतीय मूल की नर्स लीलम्मा लाल पर हुए बर्बर हमले ने नस्लीय नफरत और हेल्थ वर्कर्स की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फ्लोरिडा के पाल्म्स वेस्ट अस्पताल (Palms West Hospital) में हुई इस घटना में 67 वर्षीय नर्स पर 33 वर्षीय स्टीफन स्कैंटलबरी ने हिंसक हमला किया, जिससे उनका चेहरा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस हमले के पीछे नस्लीय नफरत की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि आरोपी ने कथित तौर पर उनकी भारतीय पृष्ठभूमि को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी।
हमला और उसके परिणाम
यह घटना अमेरिका में बढ़ते नस्लीय अपराधों और हेल्थकेयर पेशेवरों के प्रति हिंसा की ओर संकेत करती है। लीलम्मा लाल को हमले के कारण गंभीर चेहरे की हड्डियों में फ्रैक्चर हुआ और वह अस्पताल में भर्ती हैं। आरोपी स्टीफन स्कैंटलबरी को दूसरे दर्जे की हत्या के प्रयास (Attempted Second-Degree Murder) और घृणा अपराध (Hate Crime) के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिका में नस्लीय हमलों की बढ़ती घटनाएं
अमेरिका में हाल के वर्षों में भारतीय और अन्य एशियाई मूल के लोगों के खिलाफ नस्लीय हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है। COVID-19 महामारी के बाद एशियाई समुदायों को विशेष रूप से नस्लीय हिंसा का सामना करना पड़ा है। “स्टॉप एशियन हेट” जैसे अभियानों के बावजूद, ऐसे मामलों में कमी नहीं आई है।
कुछ प्रमुख घटनाएं:
- 2022 में न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में भारतीयों पर हुए नस्लीय हमले।
- 2023 में टेक्सास में एक भारतीय महिला पर नस्लीय टिप्पणी और हमला।
- 2024 में शिकागो में एक भारतीय टैक्सी ड्राइवर के साथ मारपीट।
हेल्थ वर्कर्स की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
इस घटना ने हेल्थकेयर सेक्टर में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी है। अमेरिका में नर्सों और डॉक्टरों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन अस्पतालों में सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं हैं।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- राष्ट्रीय नर्स संघ (National Nurses United) की रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में 80% नर्सों ने कार्यस्थल पर हिंसा का अनुभव किया।
- हेल्थकेयर सेक्टर में हिंसा की घटनाएं अन्य क्षेत्रों की तुलना में 5 गुना ज्यादा होती हैं।
- अमेरिका में कई राज्यों में नर्सों के लिए सुरक्षा उपायों को लेकर कड़े कानून नहीं हैं।
समाज और प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद भारतीय समुदाय और कई हेल्थकेयर संगठनों ने हेल्थ वर्कर्स की सुरक्षा बढ़ाने और सख्त कानून लागू करने की मांग की है।
- ऑनलाइन याचिका: इस घटना के बाद हेल्थ वर्कर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक ऑनलाइन याचिका शुरू की गई है।
- भारतीय समुदाय की नाराजगी: अमेरिका में भारतीय समुदाय ने इस हमले की निंदा की और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
- भारतीय दूतावास की भूमिका: अमेरिका में भारतीय दूतावास ऐसे मामलों पर नजर रखता है और पीड़ितों की मदद के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर सकता है।
समाधान और आगे की राह
- हेल्थकेयर में सुरक्षा उपाय: अस्पतालों में हेल्थ वर्कर्स के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाया जाए।
- कानूनी सख्ती: नस्लीय हिंसा के मामलों में सख्त सजा और कड़े कानून लागू किए जाएं।
- सामाजिक जागरूकता: नस्लीय भेदभाव और हिंसा के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाई जाए।
- प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा: अमेरिका में भारतीय समुदाय की सुरक्षा को लेकर अधिक प्रभावी नीति बनाई जाए।
लीलम्मा लाल पर हमला केवल एक नर्स पर हमला नहीं है, बल्कि यह नस्लीय नफरत और हेल्थ वर्कर्स की असुरक्षा का प्रतीक बन गया है। यह घटना अमेरिका में प्रवासी भारतीयों और हेल्थ वर्कर्स की सुरक्षा को लेकर नए सवाल खड़े करती है। प्रशासन और समाज को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में कोई और स्वास्थ्यकर्मी या भारतीय मूल का व्यक्ति इस तरह की हिंसा का शिकार न बने।