महिलाओं के पीरियड्स आम तौर पर 45 से 55 साल की उम्र के बीच बंद होने लगते हैं, जब वे मेनोपॉज (Menopause) की स्थिति में पहुँचती हैं। मेनोपॉज का मतलब है कि महिलाओं के शरीर में मासिक धर्म (पीरियड्स) की प्रक्रिया बंद हो जाती है।
बता दें की महिलाओं में मेनोपॉज (Menopause) आमतौर पर तब होता है जब अंडकोष (ovaries) द्वारा अंडाणु (eggs) का उत्पादन बंद हो जाता है, और हार्मोनल बदलावों के कारण पीरियड्स रुक जाते हैं। इसके बाद महिलाएं मां भी नहीं बन पाती हैं।
डॉक्टर बताते हैं मेनोपॉज (Menopause) के दौरान हर महिला का शारीरिक अनुभव अलग होता है, और कुछ महिलाओं को यह उम्र 40 के दशक में भी हो सकती है, जबकि कुछ को 50 के दशक में। यह एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है, लेकिन कभी-कभी कुछ स्वास्थ्य स्थितियाँ, जैसे हार्मोनल असंतुलन, थायरॉयड समस्याएँ, या अन्य चिकित्सा कारणों से भी पीरियड्स में बदलाव हो सकते हैं।
मेनोपॉज (Menopause) होने के 5 संकेत?
1 .मेनोपॉज की शुरुआत से पहले, महिलाओं के मासिक धर्म (पीरियड्स) अनियमित हो सकते हैं। पीरियड्स देर से आ सकते हैं, या उनका अंतराल बढ़ सकता है। कभी-कभी, पीरियड्स बहुत हल्के या बहुत भारी हो सकते हैं।
2 .मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को गर्मी की लहर महसूस होती है, जिसमें शरीर का तापमान अचानक बढ़ जाता है, खासकर चेहरे और गर्दन के आसपास गर्मी महसूस होती हैं।
3 .हार्मोनल परिवर्तन महिलाओं को मूड स्विंग्स (मूड में बदलाव), चिड़चिड़ापन, घबराहट, उदासी, या निराशा जैसी भावनाओं का अनुभव करा सकते हैं।
4 .मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को नींद में समस्या हो सकती है। गर्म लहरों के कारण रात में बार-बार उठना, चिड़चिड़ापन और तनाव के कारण भी नींद आना मुश्किल हो सकता है।
5 .मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को योनि में सूखापन, यौन संबंध में रुचि कम महसूस हो सकती है। इसके अलावा, शरीर के वजन में वृद्धि भी हो सकती हैं।