केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का गुस्सा राज्यसभा में सोमवार को फूट पड़ा। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। यह हंगामा गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को दिए गए भाषण को लेकर था।
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “मैं बौद्ध हूं और बाबा साहेब अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलने वाला व्यक्ति हूं।” रिजिजू ने आगे कहा, “1951 में बाबा साहेब ने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। 71 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे, एक बौद्ध व्यक्ति को, देश का कानून मंत्री बनाया।”
कांग्रेस के हंगामे पर किरेन रिजिजू का पलटवार
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा, “अमित शाह ने कल अपने भाषण में बताया था कि कैसे कांग्रेस ने बाबा साहेब का अपमान किया। ये लोग आज उनके नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “जब बाबा साहेब जीवित थे, कांग्रेस ने उन्हें अपमानित किया। कांग्रेस ने सालों तक उन्हें भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया और 1952 में एक साजिश के तहत उन्हें चुनाव में हराया।”
अमित शाह के बयान पर विवाद क्यों हुआ?
मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था, “आजकल एक फैशन हो गया है—अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर… अगर भगवान का नाम इतना लेते, तो 7 जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”
कांग्रेस ने इस बयान का एक छोटा हिस्सा निकालकर आरोप लगाया कि अमित शाह ने बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया है। इसी मुद्दे पर बुधवार को कांग्रेस ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।