झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गिरफ्तार हो गए हैं। उनकी जगह जेएमएम के वरिष्ठ विधायक चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया है। चंपई सोरेन राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
चंपई सोरेन सरायकेला विधानसभा सीट से 2005 से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं। अब बड़ा सवाल उठ रहा है कि जेएमएम ने चंपई सोरेन को ही क्यों चुना? क्या उनके और हेमंत सोरेन के बीच कोई पारिवारिक रिश्ता है?
हेमंत और चंपई सोरेन के बीच कोई पारिवारिक रिश्ता नहीं
बता दें कि हेमंत और चंपई सोरेन के बीच कोई पारिवारिक रिश्ता नहीं है लेकिन दोनों नेता एक दूसरे के काफी करीबी हैं। चंपई सोरेन को JMM प्रमुख शिबू सोरेन का काफी करीबी माना जाता है और इसी कारण वह हेमंत के भी काफी करीबी हैं। चंपई सोरेन 7 बच्चों के पिता हैं। उनके 4 बेटे और 3 बेटियां हैं।
चंपई सोरेन 2009 में दूसरी बार विधायक चुने गए। तो वहीं 2014 में तीसरी बार और 2019 में चौथी बार विधायक चुने गए। 2010 से 2013 तक चंपई सोरेन विज्ञान और प्रौद्योगिकी, श्रम और आवास मंत्री रहे। वह जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 तक खाद्य और नागरिक आपूर्ति और परिवहन मंत्री थे। 2019 में जब हेमंत सोरेन की सरकार बनी तब भी उन्हें महत्वपूर्ण विभाग दिए गए। चंपई सोरेन परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बनाए गए।
चंपई सोरेन ने 1974 में जमशेदपुर स्थित राम कृष्ण मिशन हाई स्कूल से 10वीं की पढ़ाई की है। वह शिबू सोरेन के काफी करीबी हैं और कहा जाता है कि जब हेमंत सोरेन सीएम थे, तब वह कोई भी बड़ा फैसला चंपई से पूछ कर ही लेते थे।
काफी चर्चा में रहते हैं चंपई सोरेन
चंपई सोरेन पिछले साल काफी चर्चा में भी थे। दरअसल परिवहन विभाग के वरीय अधिकारी और चंपई के बीच विवाद हो गया था। अधिकारी ने नागालैंड में निबंधित वाहनों पर कार्रवाई का आदेश दिया था और इससे नारज होकर मंत्री चंपई सोरेन ने सभी फाइलें अपने पास मंगा ली थी। इसके बाद उन्होंने राज्य परिवहन आयुक्त को उन्होंने सिर्फ दैनिक कार्य निपटाने का निर्देश दिया था। जब विवाद आगे बढ़ा तो हेमंत सोरेन को भी आगे आना पड़ा। झारखंड आंदोलन के दौरान भी चंपई, शिबू सोरेन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते थे।