गोंड आदिवासियों का कछारगढ़ तीर्थ: सांस्कृतिक पुनरुत्थान और सामूहिक पहचान का प्रतीक

महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में स्थित कछारगढ़, गोंड आदिवासियों के लिए न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह उनकी सांस्कृतिक पहचान और इतिहास का प्रतीक भी है। धानेगांव गांव की गुफाओं में देवी काली कंकाली का मंदिर स्थापित है, जो मैकल पहाड़ियों का हिस्सा हैं। गोंडी भाषा में कछारगढ़ का अर्थ है “अयस्क…

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कचारगढ़: गोंड जनजाति की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर

कचारगढ़, जिसे “कचारगढ़ गुफा” के नाम से भी जाना जाता है, महाराष्ट्र के गोदिया जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है। यह गोंड जनजाति के लिए विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। इस स्थान को गोंडवाना क्षेत्र के एक पवित्र तीर्थस्थल के रूप में देखा जाता है और यह गोंड संस्कृति, परंपराओं…

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