बाहा पर्व: प्रकृति और परंपरा का उत्सव

भारत के आदिवासी समुदायों की संस्कृति और परंपराएँ उनकी प्रकृति-केन्द्रित जीवनशैली को दर्शाती हैं। इन्हीं परंपराओं में से एक महत्वपूर्ण पर्व है बाहा पर्व, जिसे फूलों का त्योहार भी कहा जाता है। यह त्योहार झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, और छत्तीसगढ़ के संथाल, मुंडा, हो, और उरांव समुदायों द्वारा मनाया जाता है। बाहा पर्व केवल एक…

Read More

झारखंड में आदिवासियों की सरकारी नौकरियों में भागीदारी: चौंकाने वाले आंकड़े

झारखंड में आदिवासी समुदाय राज्य की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन सरकारी नौकरियों में उनकी भागीदारी बेहद कम है। 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या का 26.2 प्रतिशत हिस्सा आदिवासी समुदाय से आता है। बावजूद इसके, सरकारी और स्थायी नौकरियों में उनकी हिस्सेदारी न के बराबर है। आदिवासी समुदाय की…

Read More

1901 और 1941 की जातिगत जनगणना में लोहरा आदिवासी

झारखंड के इतिहास में ब्रिटिश शासन के दौरान और उसके बाद भी जातिगत जनगणना एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। लोहरा आदिवासी समुदाय का इतिहास अन्य प्रमुख जनजातियों—मुंडा, संथाल, उरांव, खड़िया और हो—के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। झारखंड के रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, लातेहार और खूंटी जिलों में निवास करने वाले लोहरा आदिवासियों की…

Read More

मणिपुर में मुक्त आवाजाही पर रोक: आदिवासी संगठन का विरोध

मणिपुर में एक प्रमुख जनजातीय संगठन ने केंद्र सरकार के उस प्रयास का विरोध करने का निर्णय लिया है, जिसमें इंफाल घाटी को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाली सभी सड़कों पर मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करने की बात कही गई थी। इंफाल घाटी से गुजरने वाले दो मुख्य राजमार्ग और अन्य सभी प्रमुख सड़कें…

Read More

पद्मश्री सिमोन उरांव: जल संरक्षण के योद्धा, अब उपेक्षित बीमार मदद के बिना लाचार

प्रसिद्ध समाजसेवी और पद्मश्री सम्मानित सिमोन उरांव इन दिनों गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। 2016 में जब जल संरक्षण कार्यों के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान मिला, तो उनकी उपलब्धियों की चर्चा भारत से लेकर विदेशों तक हुई। कई डॉक्यूमेंट्री और फिल्में उन पर बनीं। दूरदर्शन ने उनकी कहानी ‘झरिया’ नाम से प्रसारित की, और…

Read More

संथाल समाज और कुत्ता विवाह: एक सांस्कृतिक परंपरा का विश्लेषण

भारत के आदिवासी समाजों में विभिन्न रीति-रिवाज और परंपराएँ देखने को मिलती हैं, जो उनकी सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक मान्यताओं को दर्शाती हैं। संथाल समुदाय, जो झारखंड, बिहार, ओडिशा, और पश्चिम बंगाल में मुख्य रूप से बसा हुआ है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं के लिए जाना जाता है। इन्हीं परंपराओं में से एक…

Read More

गुजरात विधानसभा में आदिवासी छात्रवृत्ति बंद करने के फैसले पर हंगामा

गुजरात सरकार ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में बदलाव करते हुए इसे मैनेजमेंट कोटा से दाखिला लेने वाले आदिवासी छात्रों के लिए बंद करने का फैसला किया है। यह निर्णय शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से प्रभावी होगा। विपक्ष का कड़ा विरोध, विधानसभा में हंगामा इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों…

Read More

The Decline of Tribal Languages in India: A Crisis of Linguistic Identity

India is home to more than 200 tribal languages, reflecting the country’s rich cultural and linguistic diversity. However, only two tribal languages—Santhali and Bodo—have been included in the Eighth Schedule of the Indian Constitution, granting them official recognition. The exclusion of other tribal languages from constitutional status, coupled with the imposition of dominant languages like…

Read More

असम समझौते के खंड 6 पर महत्वपूर्ण निर्णय: भूमि, भाषा और संस्कृति संरक्षण पर जोर

असम सरकार और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें असम समझौते के खंड 6 को लागू करने पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में बिप्लब शर्मा आयोग की 38 सिफारिशों पर विचार किया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य असम के…

Read More

The War Bonnet: A Sacred Symbol of Native American Honor and Heritage

The Native American war bonnet is one of the most recognizable cultural symbols associated with Indigenous tribes of North America. Often depicted in popular culture, this headdress carries deep spiritual, historical, and social significance, particularly among the Great Plains tribes such as the Lakota, Cheyenne, Crow, and Blackfoot. Far from being a mere decorative item,…

Read More
10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन