टंट्या भील: गुलाम भारत के आदिवासी रॉबिनहुड
सन 1878 से 1889 तक के ब्रिटिश भारत के इतिहास में एक ऐसे आदिवासी नायक थे जिन्होंने ब्रिटिशों और उनके चाटुकारों के नाक में दम कर दिया था. इससे परेशान ब्रिटिशों ने उन्हें 4 दिसंबर 1889 को फांसी की सजा दी गई थी. इस आदिवासी महानायक को कोई मामा कह कर पुकारता था, तो कोई…