कोंहा बेंजा: उरांव समाज का विशेष मृत्यु संस्कार

मृत्यु संस्कार प्रत्येक जाति और समुदाय में विशिष्ट विधियों के माध्यम से संपन्न होता है। उरांव समुदाय में भी मृत्यु संस्कार की अपनी अनूठी परंपराएं हैं, जो क्षेत्र विशेष के आधार पर कुछ भिन्न हो सकती हैं। इनमें चिन्दी केसना (राख फटकना), ए-ख़ मंख़ना (छांह भितारना), खोचोल पेसना (हड्डी चुनना), और उतुर खिलना जैसी प्रक्रियाएं…

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बड़का शादी : पुरखों के साथ जीवित परंपराएं

पौष माह की नवमी तिथि (गाँव के अनुसार दिन भिन्न हो सकता है) को मनाया जाने वाला यह त्योहार उरांव परंपरा में “हड़गड़ी” या ” कोहा बेंजा (बड़का शादी)” के नाम से प्रसिद्ध है। इसे त्योहार इसलिए कहा जाता है क्योंकि आदिवासी मान्यता के अनुसार, मृत्यु के बाद व्यक्ति समाप्त नहीं होता, बल्कि वह पुरखों…

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