लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार सुबह (12 दिसंबर, 2024) हाथरस का दौरा किया और 2020 में कथित गैंगरेप के बाद मारी गई दलित महिला के परिवार से मुलाकात की। गांधी सुबह करीब 11:15 बजे बूलगढ़ी गांव पहुंचे। उनके दौरे को देखते हुए चंदपा क्षेत्र में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने लखनऊ में पुष्टि की थी कि राहुल गांधी गुरुवार को पीड़िता के परिवार से मिलने जाएंगे। कांग्रेस नेता चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने पीटीआई से कहा, “राहुल जी और प्रियंका जी ऐसे नेता हैं जो देश भर में पीड़ित लोगों से जुड़े रहते हैं। राहुल जी इस परिवार के संपर्क में भी रहे हैं।”
हालांकि, बीजेपी नेताओं ने उनके दौरे की आलोचना की। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गांधी को “भ्रमित” बताते हुए कहा कि उन्हें इस मामले की प्रगति की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “सीबीआई ने इस मामले की जांच पूरी कर ली है और बीजेपी के शासन में कोई भी अपराधी बच नहीं सकता। ऐसे दौरे केवल सुर्खियों में बने रहने के लिए हैं, किसी वास्तविक उद्देश्य के लिए नहीं।”
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी राहुल गांधी पर राजनीतिक नौटंकी का आरोप लगाते हुए कहा, “सीबीआई ने पहले ही जांच पूरी कर ली है। अगर उन्हें किसी उच्च जांच एजेंसी की जानकारी है तो बताएं। ऐसे दौरे कांग्रेस की हताशा को ही दिखाते हैं।”
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इससे पहले 3 अक्टूबर, 2020 को परिवार से मिले थे और न्याय दिलाने का वादा किया था। पीड़िता, जो 19 वर्षीय दलित महिला थी, के साथ 14 सितंबर, 2020 को कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली में उनकी मृत्यु हो गई थी।
यह घटना तब राष्ट्रीय सुर्खियों में आई जब पीड़िता का अंतिम संस्कार 30 अक्टूबर, 2020 की तड़के किया गया। परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने जबरन रात में अंतिम संस्कार कराया। हालांकि, पुलिस ने दावा किया था कि यह “परिवार की इच्छा” के अनुसार किया गया।
बाद में सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ली और चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।