निरंजन कुमार कुजुर NYU Abu Dhabi के ‘Indigenous Cinema: South Asian Perspectives’ सम्मेलन में शामिल होंगे

रांची/अबू धाबी। दक्षिण एशियाई स्वदेशी सिनेमा की आवाज़ों को वैश्विक स्तर पर एक मंच प्रदान करने वाला प्रतिष्ठित तीन दिवसीय सम्मेलन “Indigenous Cinema: South Asian Perspectives” न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी अबू धाबी (NYUAD) में 8–10 दिसंबर 2025 को आयोजित हो रहा है। इस आयोजन में भारत के युवा और प्रख्यात आदिवासी फिल्मनिर्माताओं में शामिल निरंजन कुमार कुजुर भी वक्ता और फ़िल्मकार के रूप में हिस्सा लेंगे।

क्या है NYU Abu Dhabi (NYUAD)?

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी अबू धाबी, NYU का वैश्विक परिसर है, जो अंतरराष्ट्रीय शोध, कला, सामाजिक विज्ञान और सांस्कृतिक अध्ययन के लिए जाना जाता है।
यह विश्वविद्यालय दुनिया भर के शोधकर्ताओं, कलाकारों और छात्रों के लिए एक बहुसांस्कृतिक केंद्र है, जहाँ बड़े पैमाने पर रिसर्च फोरम, फिल्म कार्यक्रम, शैक्षणिक कॉन्फ्रेंस और कला-संस्कृति से जुड़े आयोजन होते रहते हैं।

निरंजन कुमार कुजुर कौन हैं?

निरंजन कुमार कुजुर झारखंड के एक प्रमुख आदिवासी फ़िल्ममेकर, लेखक और सांस्कृतिक शोधकर्ता हैं, जो मुंडारी, हो, संथाली और अन्य आदिवासी समुदायों की कहानियों, भाषाई विरासत और सांस्कृतिक अस्तित्व पर केंद्रित फिल्में बनाते हैं।
उनकी फिल्मों की खासियत है— यथार्थवादी प्रस्तुति, प्राकृतिक सिनेमैटोग्राफी और स्वदेशी अनुभवों का सम्मानजनक चित्रण।
वे देश-विदेश में आदिवासी सिनेमा के उभरते हुए चेहरे के रूप में पहचान बना रहे हैं।

See also  चमत्कार' नहीं, आदिवासी जीवन की 'सहजीविता' है

कार्यक्रम के आयोजक और उद्देश्य

यह आयोजन Rights & Representation Research Forum, Film & New Media Programme (NYUAD) और Indigenous Film and Media Alliance, South Asia द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।
सम्मेलन का उद्देश्य है—

दक्षिण एशिया के स्वदेशी सिनेमा पर गंभीर, आलोचनात्मक और अकादमिक चर्चा

भूमि, पहचान, स्मृति, संघर्ष और प्रतिरोध जैसी मूल समस्याओं को सिनेमा के माध्यम से समझना

फिल्मकारों और शोधकर्ताओं के बीच संवाद स्थापित करना

स्वदेशी समुदायों के सही प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देना

मुख्य फ़िल्मकार और वक्ता

इस तीन दिवसीय आयोजन में दक्षिण एशिया के महत्वपूर्ण स्वदेशी कलाकार और शोधकर्ता शामिल होंगे—

Haobam Paban Kumar (मणिपुर)

Wanphrang Diengdoh (मेघालय)

Kivini Shohe (नागालैंड)

Niranjan Kumar Kujur (झारखंड)

Lipika Singh Darai (ओडिशा)

Seral Murmu (झारखंड/बंगाल)

इन सभी कलाकारों का काम स्वदेशी जीवन, राजनीति और सांस्कृतिक संघर्षों को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है।

कार्यक्रम का विस्तृत समय-सारिणी

📍 सोमवार, 8 दिसंबर 2025 | 10:00 AM – 1:00 PM | C3-015

See also  मणिपुर हिंसा पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मांगी माफी

North-East Shorts Special
पूर्वोत्तर भारत की लघु, डॉक्यूमेंट्री और फिक्शन फिल्मों का विशेष पैकेज, जिसमें भूमि, युद्ध-स्मृति, संघर्ष, पहचान और सांस्कृतिक धरोहर जैसे विषयों को दिखाया जाएगा।

📍 मंगलवार, 9 दिसंबर 2025 | 5:00 PM – 6:30 PM | C2-329

Panel: History, Identity and the Politics of Representation
यह सत्र स्वदेशी समुदायों के ऐतिहासिक अनुभवों, प्रतिनिधित्व की राजनीति और फिल्मी दुनिया में मौजूद असमानताओं पर केंद्रित होगा।

निरंजन कुमार कुजुर की प्रस्तुति – 10 दिसंबर

निरंजन कुमार कुजुर 10 दिसंबर को “आदिवासी सिनेमा : हमारी कहानियाँ, हमारी भाषा-संस्कृति और सही प्रतिनिधित्व” विषय पर अपनी प्रस्तुति देंगे।
वे अपनी फिल्मों के माध्यम से बताएँगे—

आदिवासी दृष्टिकोण से कहानी कहना क्यों महत्वपूर्ण है

मुख्यधारा सिनेमा में गलत चित्रण किस तरह समुदायों को प्रभावित करता है

भाषा, स्मृति और मौखिक परंपराओं का फिल्म निर्माण में महत्व

और यह कि स्वदेशी सिनेमा कैसे वैश्विक नैरेटिव को चुनौती देता है

वैश्विक मंच पर आदिवासी आवाज़ की मजबूत उपस्थिति

इस कार्यक्रम में निरंजन की भागीदारी न केवल उनके व्यक्तिगत सफ़र की उपलब्धि है, बल्कि भारतीय आदिवासी सिनेमा के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
NYUAD जैसे वैश्विक मंच पर यह उपस्थिति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वदेशी पहचान, संघर्ष और सांस्कृतिक अस्तित्व को और मजबूत बनाती है।

See also  Jaipal Singh Munda: The Champion of Tribal Rights and India's Hockey Hero

यह आयोजन दक्षिण एशिया के स्वदेशी सिनेमा को एक नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन