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The Enigma of the Swastika: A Prehistoric Symbol Connecting Cultures Across Continents

The swastika, a symbol recognized globally today, possesses a history that extends back approximately 15,000 years. This emblem has been discovered on five continents, predating known interactions among ancient civilizations, and presents a compelling enigma in the study of human cultural development. Origins and Early Depictions Archaeological findings have unveiled swastikas etched into ancient structures’…

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निकाह के बाद पत्नी को कतर ले जाकर शेख के हाथों बेचा, भारत लौटकर भेजा तलाक, महिला ने खोला पूरा सच

पटना की एक नवविवाहित महिला के साथ धोखे और अमानवीयता का मामला सामने आया है। निकाह के बाद उसका पति उसे कतर घुमाने के बहाने ले गया, लेकिन वहां एक शेख को 10 लाख रुपये में बेचकर भारत लौट आया और डाक से तलाक भेज दिया। शादी के बाद सामने आई सच्चाईपटना के दीघा थाना…

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कोंहा बेंजा: उरांव समाज का विशेष मृत्यु संस्कार

मृत्यु संस्कार प्रत्येक जाति और समुदाय में विशिष्ट विधियों के माध्यम से संपन्न होता है। उरांव समुदाय में भी मृत्यु संस्कार की अपनी अनूठी परंपराएं हैं, जो क्षेत्र विशेष के आधार पर कुछ भिन्न हो सकती हैं। इनमें चिन्दी केसना (राख फटकना), ए-ख़ मंख़ना (छांह भितारना), खोचोल पेसना (हड्डी चुनना), और उतुर खिलना जैसी प्रक्रियाएं…

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क्यों विक्की कौशल अभिनीत ‘छावा’ रियल लगती है और यह अभिनेता सबसे अलग क्यों है?

विक्की कौशल की अभिनय क्षमता और तैयारी:विक्की कौशल उन चुनिंदा अभिनेताओं में से हैं, जो हर किरदार में पूरी तरह ढल जाते हैं। ‘छावा’ में छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका निभाने के लिए उन्होंने न केवल ऐतिहासिक संदर्भों को गहराई से समझा, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी खुद को उस युग में स्थापित…

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‘छावा’ फिल्म रिव्यू: छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता, विक्की कौशल की दमदार अदाकारी और बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई

‘छावा’ फिल्म ने रिलीज़ के बाद से ही दर्शकों और समीक्षकों के बीच विशेष ध्यान आकर्षित किया है। विक्की कौशल, रश्मिका मंदाना और अक्षय खन्ना जैसे प्रमुख कलाकारों से सजी यह फिल्म छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। कहानी: फिल्म की कहानी छत्रपति शिवाजी महाराज के निधन के पश्चात शुरू होती है, जहां…

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राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव में ओलचिकी लिपि में तोरण द्वार व बैनर लगाने की मांग

दुमका: राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव, जिसकी शुरुआत 3 फरवरी 1890 को हुई थी, इस वर्ष अपने 135वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। 21 से 28 फरवरी तक आयोजित होने वाले इस मेले को लेकर हिजला गांव में मांझी बाबा (ग्राम प्रधान) सुनीलाल हांसदा की अध्यक्षता में कुल्ही दुरूप (बैठक) आयोजित की गई। बैठक…

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पुलिस भर्ती में चार महीने की गर्भवती महिला ने दौड़ में लिया हिस्सा, और

कानपुर, उत्तर प्रदेश से एक अनोखी घटना सामने आई है। इन दिनों यहां पुलिस भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिसमें एक चार महीने की गर्भवती महिला उम्मीदवार भी शामिल हुई। दौड़ परीक्षा के दौरान उसने दौड़ना शुरू किया, लेकिन कुछ ही देर में रुककर पुलिस अधिकारियों से पांच महीने बाद फिर से मौका देने की…

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10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन