रांची, झारखंड: आदिवासी जीवन, संस्कृति और सिनेमा के प्रति समर्पित पहला “धरती आबा ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल” 14 से 16 अक्टूबर 2025 तक रांची में आयोजित किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय महोत्सव डॉ. राम दयाल मुंडा ट्राइबल वेलफेयर रिसर्च इंस्टिट्यूट, मोराबादी में प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगा।
इस ऐतिहासिक अवसर पर कुल 52 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी, जो आदिवासी समाज की विविधता, परंपराओं और समकालीन मुद्दों को उजागर करेंगी। फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य आदिवासी जीवन, संघर्ष और सौंदर्य को सिनेमा के माध्यम से मनाना, समझना और साझा करना है।
फिल्मों के माध्यम से दर्शकों को आदिवासी जीवन के सात महत्वपूर्ण पहलुओं से रूबरू कराया जाएगा:
- पहचान और प्रतिरोध – समुदायों की पहचान और बाहरी दबावों के खिलाफ संघर्ष।
- आदिवासी ज्ञान, ज्ञान प्रणालियाँ और दर्शन – पारंपरिक ज्ञान, पारिस्थितिकी और जीवन दृष्टिकोण।
- आदिवासी कला, संस्कृति और सौंदर्यशास्त्र – कला, शिल्प और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियाँ।
- समुदाय परिवर्तन – सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव की कहानियाँ।
- सशक्तिकरण की कहानियाँ – महिलाओं, युवाओं और समुदायों की सक्रियता।
- आदिवासी नायक और महाकाव्य – आदिवासी नायकों और उनके महाकाव्यों पर आधारित कथाएँ।
- आध्यात्मिकता और पर्यावरणीय चेतना – जीवन के आध्यात्मिक पहलू और पर्यावरणीय सोच।
फेस्टिवल आयोजकों का कहना है कि यह आयोजन केवल सिनेमा का महोत्सव नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक संवाद है जो दर्शकों को आदिवासी जीवन की गहराई और विविधता से अवगत कराएगा।
सिनेमा प्रेमियों, शोधकर्ताओं और संस्कृति के चाहने वालों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, जहां वे आदिवासी समाज की कहानियों, कलाओं और जीवन दर्शन को नजदीक से महसूस कर सकते हैं।
अधिक जानकारी और कार्यक्रम विवरण के लिए कृपया फेस्टिवल की आधिकारिक वेबसाइट देखें।