महिला नागा साधु निर्वस्त्र क्यों रहती हैं, जानें वजह

सनातन धर्म में नागा साधुओं की परंपरा बहुत प्राचीन है। उनका नग्न होना एक गहरी आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक प्रक्रिया है. नग्न रहकर नागा साधु यह संदेश देते हैं कि उन्होंने भौतिक संसार और उसकी सभी इच्छाओं और आसक्तियों को त्याग दिया है। यह उनके त्याग का सबसे बड़ा प्रतीक है जो उन्हें सांसारिक बंधनों से…

Read More

96 आबादी वाले मुस्लिम देश ने हिजाब पर क्यों लगाया बैन?

मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान ने हिजाब पर औपचारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. इस संबंध में देश की संसद के ऊपरी सदन ने 19 जून को एक विधेयक का समर्थन किया है. एशिया-प्लस की रिपोर्ट के अनुसार, यह विधेयक संसद के ऊपरी सदन मजलिसी मिल्ली के 18वें सत्र के दौरान पारित किया गया. इस…

Read More

परोपकार की भावना से आएगी विश्व में शांति : दलाई लामा

बौद्ध धर्म गुरू परम पावन दलाई लामा ने आज कहा कि परोपकार की भावना से ही विश्व में शांति आएगी। भगवान बुद्ध की पावन ज्ञानभूमि बिहार के बोधगया में इन दिनों प्रवचन कार्यक्रम चल रहा है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन हजारों की संख्या में बोधगया के कालचक्र मैदान में जुटे श्रद्धालुओं ने…

Read More

Indigenous faith day: क्यों मनाया जाता है और क्यों है विशेष

प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को अरूणाचल प्रदेश में इंडिजिनियस फेथ डे मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य जनजातियों की पहचान को बनाए रखना है. इसके अलावा आदिवासी आस्था और परंपरा की रक्षा और प्रचार करने के लिए यह दिन मनाया जाता है. तलोम रुक्बो ने इंडिजिनियस फेथ आंदोलन का नेतृत्व किया था. 31 दिसंबर,…

Read More

तवांग फेस्टिवल: अरुणाचल प्रदेश में यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है

अरुणाचल प्रदेश का पर्यटन विभाग पर्यटकों के आकर्षण और पारंपरिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए इस त्योहार को मनाता है। अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध विविध परंपराओं और संस्कृतियों के बारे में जानने के लिए तवांग एक अद्भुत त्योहार है। महोत्सव का नाम तवांग अरुणाचल प्रदेश के एक हिल स्टेशन तवांग के नाम पर रखा…

Read More

जो सरना धर्म कोड देगा, उसी को वोट देंगे आदिवासी: सालखन मुर्मू

सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान 8 नवम्बर को झारखंड के रांची स्थित मोरहाबादी मैदान में जनसभा आयोजित की. जिसमें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में आदिवासी शामिल हुए. जनसभा के द्वारा देश के 15 कराेड़ आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड की…

Read More

हागिया सोफिया: चर्च था, फिर म्यूज़ियम बना और अब ओटोमन मस्जिद है

वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति हागिया सोफिया के परिवर्तन ने इतिहास के उतार-चढ़ाव को ही प्रतिबिंबित किया है। यह लेख हागिया सोफिया की सम्मोहक यात्रा पर प्रकाश डालता है, जो कभी एक ईसाई कैथेड्रल(चर्च) था, क्योंकि यह एक मस्जिद, एक संग्रहालय और फिर से एक मस्जिद में विकसित हुई, जिसमें लगभग पंद्रह शताब्दियों का समृद्ध इतिहास…

Read More

दूसरो की मदद करने वालों की भगवान मदद करता है

एक गांव में लकड़हारा रहता था, जो जंगल से लकड़ियां काटता और बाजार में बेचता था. उससे उसे जो पैसे मिलते हैं उसका गुजारा हो जाता. उसका जीवन बहुत परेशानियों से घिरा था. वह हमेशा परेशान रहता था. एक दिन लकड़हारा गांव के विद्वान संत के पास पहुंचा. उसने संत को अपनी सारी परेशानी बताई….

Read More

Thalaikkooththal: यहाँ परम्परा के नाम पर बूढ़े मां-बाप को दी जाती है मौत

भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है, क्योंकि यहां कुछ-कुछ दूरी पर रीति-रिवाज, मान्यताएं, परंपराएं आदि बदल जाती हैं. आपको कई ऐसी परंपराएं मिल जाएंगी, जो चौंकाने वाली होती हैं. पर तमिलनाडु की परंपरा सबसे ज्यादा चौंकाने वाली है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां औलाद ही अपने बीमार, बूढ़े माता-पिता को मौत के…

Read More
10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन