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Comprehensive Guide to Brahmin Communities of India: Gotras, Sub-Groups, and Traditions

The Brahmin Community of India: A Comprehensive Overview The Brahmin community, traditionally considered the priestly class within the Indian caste system, has played a vital role in shaping the social, cultural, and spiritual landscape of India. Originating from the Rigvedic period, Brahmins have been historically tasked with preserving sacred texts, performing rituals, and serving as…

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आदिवासी भगवान कौन है?

आदिवासी समाज के धर्म और संस्कृति में “भगवान” की धारणा मुख्य रूप से प्रकृति और उनके पूर्वजों की पूजा पर आधारित है। आदिवासियों के लिए भगवान का स्वरूप पारंपरिक धार्मिक ग्रंथों से अलग होता है। वे प्रकृति, जल, जंगल, और जानवरों को ही पूजनीय मानते हैं क्योंकि उनका जीवन इन तत्वों पर निर्भर करता है।…

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कैलाश मानसरोवर यात्रा: एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का पुनरारंभ

कैलाश मानसरोवर यात्रा, जो न केवल एक धार्मिक तीर्थयात्रा है, बल्कि एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर भी है, का फिर से आरंभ होना एक महत्त्वपूर्ण घटना है। इस यात्रा का महत्व भारतीय संस्कृति में गहराई से निहित है और यह लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है। यात्रा का धार्मिक महत्व कैलाश…

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महिला नागा साधु निर्वस्त्र क्यों रहती हैं, जानें वजह

सनातन धर्म में नागा साधुओं की परंपरा बहुत प्राचीन है। उनका नग्न होना एक गहरी आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक प्रक्रिया है. नग्न रहकर नागा साधु यह संदेश देते हैं कि उन्होंने भौतिक संसार और उसकी सभी इच्छाओं और आसक्तियों को त्याग दिया है। यह उनके त्याग का सबसे बड़ा प्रतीक है जो उन्हें सांसारिक बंधनों से…

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96 आबादी वाले मुस्लिम देश ने हिजाब पर क्यों लगाया बैन?

मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान ने हिजाब पर औपचारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. इस संबंध में देश की संसद के ऊपरी सदन ने 19 जून को एक विधेयक का समर्थन किया है. एशिया-प्लस की रिपोर्ट के अनुसार, यह विधेयक संसद के ऊपरी सदन मजलिसी मिल्ली के 18वें सत्र के दौरान पारित किया गया. इस…

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परोपकार की भावना से आएगी विश्व में शांति : दलाई लामा

बौद्ध धर्म गुरू परम पावन दलाई लामा ने आज कहा कि परोपकार की भावना से ही विश्व में शांति आएगी। भगवान बुद्ध की पावन ज्ञानभूमि बिहार के बोधगया में इन दिनों प्रवचन कार्यक्रम चल रहा है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन हजारों की संख्या में बोधगया के कालचक्र मैदान में जुटे श्रद्धालुओं ने…

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Indigenous faith day: क्यों मनाया जाता है और क्यों है विशेष

प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को अरूणाचल प्रदेश में इंडिजिनियस फेथ डे मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य जनजातियों की पहचान को बनाए रखना है. इसके अलावा आदिवासी आस्था और परंपरा की रक्षा और प्रचार करने के लिए यह दिन मनाया जाता है. तलोम रुक्बो ने इंडिजिनियस फेथ आंदोलन का नेतृत्व किया था. 31 दिसंबर,…

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तवांग फेस्टिवल: अरुणाचल प्रदेश में यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है

अरुणाचल प्रदेश का पर्यटन विभाग पर्यटकों के आकर्षण और पारंपरिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए इस त्योहार को मनाता है। अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध विविध परंपराओं और संस्कृतियों के बारे में जानने के लिए तवांग एक अद्भुत त्योहार है। महोत्सव का नाम तवांग अरुणाचल प्रदेश के एक हिल स्टेशन तवांग के नाम पर रखा…

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जो सरना धर्म कोड देगा, उसी को वोट देंगे आदिवासी: सालखन मुर्मू

सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान 8 नवम्बर को झारखंड के रांची स्थित मोरहाबादी मैदान में जनसभा आयोजित की. जिसमें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में आदिवासी शामिल हुए. जनसभा के द्वारा देश के 15 कराेड़ आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड की…

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10 most Expensive cities in the World धरती आबा बिरसा मुंडा के कथन