नई दिल्ली, दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, जिससे वह 27 साल बाद राजधानी की सत्ता में वापसी कर रही है। बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को भारी हार का सामना करना पड़ा और वह सिर्फ 22 सीटें ही जीत पाई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई।
यह जीत बीजेपी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1998 के बाद पहली बार पार्टी को दिल्ली में सरकार बनाने का मौका मिला है। यह नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी राहत भरे हैं, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को बहुमत गंवाना पड़ा था।
आप की हार और केजरीवाल की शिकस्त
चुनाव में 60% मतदान दर्ज किया गया, जिसमें 1.5 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने वोट डाले। पिछले एक दशक से दिल्ली की राजनीति में दबदबा बनाए रखने वाली आप को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई दिग्गज नेता अपनी सीटें हार गए।
आप सरकार के प्रति जनता की नाराजगी, केजरीवाल की कानूनी परेशानियां और बीजेपी की आक्रामक चुनावी रणनीति को आप की हार के प्रमुख कारणों में गिना जा रहा है। गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के एक मामले में पिछले साल केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से पार्टी पर संकट के बादल मंडरा रहे थे।
बीजेपी की वापसी की रणनीति
बीजेपी ने चुनाव में मध्यवर्गीय मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की रणनीति अपनाई और महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं के लिए आर्थिक सहायता योजनाओं का वादा किया।
“यह जीत सिर्फ सरकार बनाने के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली को एक नई दिशा देने के लिए है,” बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार (जिसका नाम जल्द घोषित होगा) ने कहा।
इस जीत के साथ बीजेपी ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी स्थिति को और मजबूत कर लिया है। अब देखना होगा कि नई सरकार प्रदूषण, आधारभूत संरचना और पानी की समस्या जैसी दिल्ली की बड़ी चुनौतियों से कैसे निपटती है।
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